रेल किराया तय करने के लिए बनेगा स्वतंत्र नियामक
गाँव कनेक्शन 15 March 2016 5:30 AM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। यात्री किराया तय करने के लिए सरकार की एक स्वतंत्र नियामक बनाने की योजना है। इसके लिए सरकार संसद में एक विधेयक लाएगी। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय रेल संकट के दौर से गुज़र रही है और इसकी बीमारी का इलाज तलाशने के लिए सरकार ने अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह की रणनीति बनाई है। रेल मंत्री ने ये बात रेल बजट 2016-17 पर राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब में कही। उनके जवाब के बाद सदन ने रेल बजट संबंधी लेखानुदान एवं विनियोग विधेयकों को विचार करने के बाद ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। इसी के साथ रेल बजट 2016-17 को संसद की भी मंजूरी मिल गई।
इसके पहले रेल मंत्री ने कहा कि चर्चा में कई सदस्यों ने रेलवे की आर्थिक स्थिति खराब होने पर चिंता जतायी थी। उन्होंने कहा कि वो इस बात को मानते हैं कि रेलवे संकट के दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि हमें रेलवे की बीमारी का इलाज खोजना होगा और इसे फिर से पटरी पर लाना होगा।
सुरेश प्रभु ने कहा, ' रेल के विकास के माध्यम से देश का विकास हो सकता है।' उन्होंने कहा कि हमें विचार करना होगा कि सीमित संसाधनों के बाद भी इसका विकास कैसे किया जा सकता है। प्रभु ने कहा कि हमारा रेल नेटवर्क बहुत पुराना हो चुका है। इसके विकास के लिए हमें बड़े निवेश की जरूरत है। उन्होंने माना कि आम बजट से उन्हें जरूरत के मुताबिक़ आवंटन नहीं मिला है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पैसे की कमी को रेलवे के विकास में अड़चन नहीं बनने दिया जाएगा।
चर्चा में कई सदस्यों के ज़रिए बुलेट ट्रेन पर आपत्ति जताए जाने का जिक्र करते उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह से स्ववित्तपोषित परियोजना है और इसके लिए भारत सरकार ने जापान सरकार से ऋण लिया है। इस ऋण पर ब्याज की दर 0.1% होगी और इस ऋण को 50 साल में चुकाना है। रेल मंत्री ने कहा कि इस परियोजना में इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी से देश के पूरे रेल नेटवर्क का फायदा होगा।
More Stories