"कॉलेस्ट्रोल नियंत्रित कर आप हार्ट अटैक के रिस्क से बच सकते हैं"
गाँव कनेक्शन | Apr 13, 2019, 08:53 IST
लखनऊ। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे शरीर में कई बीमारियां घर कर लेती हैं। कॉलेस्ट्रोल और उच्च रक्तचाप इनमें बहुत सामान्य हैं। गाँव कनेक्शन से कॉलेस्ट्रोल के बारे में बात करते हुए हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर विवेक अग्रवाल बताते हैं कि, "हृदय की परेशानियों के पीछे कॉलेस्ट्रोल का बढ़ना मुख्य वजह है।"
वो कहते हैं, "40 वर्ष से ऊपर के हर व्यक्ति को तीन साल में एक बार कॉलेस्ट्रोल की जांच ज़रूर करानी चाहिए। जो लोग मोटे हैं, जिनका वजन ज़्यादा है, बीएमआई(Body Mass Index) के हिसाब से कहूं तो जिनका बीएमआई 25 से ऊपर है उन्हें हर साल कॉलेस्ट्रोल की जांच करानी चाहिए। इसके अतिरिक्त जिनको हृदय सम्बन्धी बीमारियां हैं, ब्लड प्रेशर है, मधुमेह है या इनमें से कोई भी एक चीज़ है या उनके निकटतम सम्बन्धी परिवार के लोगों को इनमें से कोई भी बीमारी है तो उन्हें 40 वर्ष की उम्र के बाद साल में एक बार कॉलेस्ट्रोल की जांच ज़रूर करानी चाहिए।"
कॉलेस्ट्रोल मुख्यत: पांच तरह के होते हैं-
डॉ. अग्रवाल बताते हैं, "अगर आपके शरीर में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ी हुई है या आप मधुमेह के रोगी हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अपने जीवन शैली में परिवर्तन करना चाहिए, जैसे टहलने जाना चाहिए। अगर आपकी शारीरिक अवस्था अनुमति देती है तो आपको रोज़ कम से कम चार से पांच किमी पैदल चलना चाहिए। आपको तेल का उपयोग कम करना चाहिए। साथ ही तेल को बदलते रहना अत्यंत आवश्यक है।"
"अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो ये ज़रूरी है कि आप कॉलेस्ट्रोल की दवा खाएं यदि आपका एलडीएल 100 से ऊपर है। हालांकि, अब अमेरिकन गाइडलाइन्स के हिसाब से ये कहा जाता है कि एलडीएल अगर 70 के ऊपर है तब भी आपको कॉलेस्ट्रोल की दवा लेनी है लेकिन ये आपके डॉक्टर तय करेंगे कि आपको कब दवाई लेनी चाहिए,"- डॉ. अग्रवाल आगे कहते हैं।
वो ये भी बताते हैं कि, "कॉलेस्ट्रोल आपके आगे आने वाली हृदय सम्बन्धी बीमारियों के रिस्क को निर्धारित करता है। इस रिस्क से आप बच सकते हैं। आप अपने परिवार में रही बीमारियों को नहीं बदल सकते, अपनी उम्र नहीं बदल सकते, आप मधुमेह नहीं बदल सकते पर कॉलेस्ट्रोल एक ऐसी चीज़ है जिसे आप नियंत्रित करके हार्ट अटैक होने की रिस्क को कम कर सकते हैं।"
कॉलेस्ट्रोल के लक्षण-
वो कहते हैं, "40 वर्ष से ऊपर के हर व्यक्ति को तीन साल में एक बार कॉलेस्ट्रोल की जांच ज़रूर करानी चाहिए। जो लोग मोटे हैं, जिनका वजन ज़्यादा है, बीएमआई(Body Mass Index) के हिसाब से कहूं तो जिनका बीएमआई 25 से ऊपर है उन्हें हर साल कॉलेस्ट्रोल की जांच करानी चाहिए। इसके अतिरिक्त जिनको हृदय सम्बन्धी बीमारियां हैं, ब्लड प्रेशर है, मधुमेह है या इनमें से कोई भी एक चीज़ है या उनके निकटतम सम्बन्धी परिवार के लोगों को इनमें से कोई भी बीमारी है तो उन्हें 40 वर्ष की उम्र के बाद साल में एक बार कॉलेस्ट्रोल की जांच ज़रूर करानी चाहिए।"
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- टोटल कॉलेस्ट्रोल
- ट्रायग्लिसेराइड कॉलेस्ट्रोल
- एचडीएल
- एलडीएल
- वीएलडीएल
डॉ. अग्रवाल कहते हैं, "इनमें से सबसे मुख्य कॉलेस्ट्रोल एलडीएल है। एलडीएल का बढ़ा होना हमारे लिए नुकसानदायक होता है। एचडीएल को एक अच्छा कॉलेस्ट्रोल माना जाता है और 45 से ऊपर होने पर वो हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है।
"अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो ये ज़रूरी है कि आप कॉलेस्ट्रोल की दवा खाएं यदि आपका एलडीएल 100 से ऊपर है। हालांकि, अब अमेरिकन गाइडलाइन्स के हिसाब से ये कहा जाता है कि एलडीएल अगर 70 के ऊपर है तब भी आपको कॉलेस्ट्रोल की दवा लेनी है लेकिन ये आपके डॉक्टर तय करेंगे कि आपको कब दवाई लेनी चाहिए,"- डॉ. अग्रवाल आगे कहते हैं।
वो ये भी बताते हैं कि, "कॉलेस्ट्रोल आपके आगे आने वाली हृदय सम्बन्धी बीमारियों के रिस्क को निर्धारित करता है। इस रिस्क से आप बच सकते हैं। आप अपने परिवार में रही बीमारियों को नहीं बदल सकते, अपनी उम्र नहीं बदल सकते, आप मधुमेह नहीं बदल सकते पर कॉलेस्ट्रोल एक ऐसी चीज़ है जिसे आप नियंत्रित करके हार्ट अटैक होने की रिस्क को कम कर सकते हैं।"
कॉलेस्ट्रोल के लक्षण-
- सांस फूलना
- ज़रूरत से ज़्यादा पसीना आना
- वजन बढ़ना
- ब्लड प्रेशर का बढ़ना
- जोड़ों में दर्द
- रक्त संचार बाधित होना
- हॉर्ट अटैक की संभावना का बढ़ना
- ब्रेन स्ट्रोक, तनाव व मानसिक समस्या का होना