साहस को सम्मान : 15 महिलाओं को वीरांगना सम्मान

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साहस को सम्मान : 15 महिलाओं को वीरांगना सम्मानवीरांगना सम्मान, श्रृंखला पाण्डेय

लखनऊ। औरत केवल सहनशीलता का नाम नहीं बल्कि ताकत और हिम्मत का भी है। लीक से हटकर समाज में कुछ अलग अपनी खास पहचान बनाने के लिए लोहिया पार्क में 15 महिलाओं को वीरांगना सम्मान से नवाजा गया।

सम्मान कार्यक्रम एक गैर सरकारी संस्था 'उम्मीद' ने आयोजित किया था, जो महिलाओं और बच्चों के मुद्दे पर काम करती है। एसिड एटैक से पीडि़त महिलाएं जिन्हें समाज में बदसूरत समझा जाता है, उन्होंने रैंप वॉक करके आपने आत्मविश्वास और साहस से सभी को प्रभावित किया। कार्यक्रम में लखनऊ के डीएम राजशेखर, मास्टर शेफ पंकज भदौरिया, एसएसपी राजेश पांडेय, चाइल्ड वेलफेयर की अध्यक्ष जूही सिंह शामिल हुईं। एसिड पीड़िता मोनी सिंह ने बताया, ''महिलाओं पर ऐसे हमले उन्हें घर के अंदर रहने को मजबूर कर देते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं है वो भी बाहर आ रही हैं और समाज के सामने खुद को साबित कर रही हैं।"

कार्यक्रम में डीएम राजशेखर ने कहा, ''ये हमारे देश के लिए सम्मान की बात है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी महिलाएं सामने आ रही हैं, यहां रैंप वॉक कर रही हैं, असल जिंदगी में यही सबसे खूबसूरत हैं।"

सम्मानित की गयी महिलाएं

सुमन चौबे

पुलिस विभाग से जुड़ी सुमन चौबे को वीरांगना पुरस्कार 103 बलात्कार पीडि़त महिलाओं की काउंसलिंग के लिए मिला है। मैंने उन महिलाओं के केस दर्ज होते ही पूरी पड़ताल की और दोषियों को जेल तक पहुंचाया।

हरप्रीत कौर

मैंने 2004 में चलती हुई ट्रेन में एक महिला का प्रसव कराया था जबकि मैं डॉक्टर नहीं हूं। अचानक महिला का बहुत दर्द होना शुरू हुआ और फिर मैंने ट्रेन में ही उसका प्रसव कराया। मां और बच्चे दोनों ही सुरक्षित थे।

शालिनी लाल

मैं पेशे से इंजीनियर थी लेकिन मैंने अपनी नौकरी छोड़कर महिलाओं को पहचान दिलाने के लिए एक लखनऊ शेफ ग्रुप बनाया, जिसमें वो अपने किचन से ही आर्थिक उन्नति कर रही हैं, आज उनकी रसोई ही उनकी पहचान है। मेरा सपना है कि एक ऐसा रेस्टोरेंट खोलूं जिसमें सारा स्टॉफ केवल महिलाओं का हो। 

पल्लवी फौजदार मिश्रा

मैं बाइकिंग के तीन विश्व रिकार्ड बना चुकी हूं। इनमें हिमालय के 16 दर्रे, माना चोटी और सबसे ऊंची झील डुंगरीला को बाइक से ही पार किया है। बाइक राइडिंग मेरा जुनून था, जो आज मेरी पहचान बन गया है।

सत्या सिंह

मैंने सेक्स रैकेट में मिले पुलिस वालों को पकड़ा। ज्यादातर ऐसे मामलों में पुलिस वाले मिले होते हैं, जिससे विभाग का नाम खराब होता है। मेरी जिम्मेदारी है महिला सुरक्षा और उसके  लिए मैं हमेशा तत्पर रहती हूं।

मोनी सिंह

जब से 1090 शुरू हुआ है, मैं काम कर रही हूं। सबसे ज्यादा अच्छा काम करने और लड़कियों की छेडख़ानी की दिक्कतों को समझने और उन्हें खत्म करने के लिए मुझे आज सम्मान दिया गया है। 

फरह बेगम 

मेरे पति से अनबन के चलते मैंने उनसे तलाक ले लिया और इसके कारण उन्होनें मुझ पर साल 2011 में तेजाब फेंक दिया। मेरी पूरी सर्जरी मेरे पापा ने कराई। मुझे कहीं नौकरी नहीं मिली क्योंकि मेरा चेहरा लोगों को डरा देता था। लेकिन अब मैंने ठान ली है कि आगे बढ़ूंगी और अपनी जिंदगी को नए तरीके से शुरू करुंगी।

ये भी हुईं सम्मानित 

कार्यक्रम में ऐसी ही अन्य महिलाओं अर्चना श्रीवास्तव, आइशा खातून, रूखसाना कुरैशी, नाहिद लारी खान, नंदिनी गुप्ता और डॉ कमर रहमान को सम्मानित किया गया।  

 

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