सांसद चाहते हैं उनकी मर्ज़ी जानकर प्रधानमंत्री बनवाएं सड़क

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सांसद चाहते हैं उनकी मर्ज़ी जानकर प्रधानमंत्री बनवाएं सड़क

नई दिल्ली। ग्रामीण भारत की दशा बदलने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सांसद अपनी भागीदारी चाहते हैं। कई दलों के सांसदों ने ये मुद्दा लोकसभा में उठाया। सरकार ने भी सांसदों को आश्वसन दिया है कि उनकी मर्जी समेत कई प्रावधानों को आऩे वाले समय में लागू किया जा सकता है।

लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा जून 2016 तक 500 से अधिक आबादी वाली 27069 बस्तियों को सड़क से जोड़ा जा चुका है जबकि 16931 बस्तियों को जोड़ने की मंजूरी दी जा चुकी है। योजना के दूसरे चरण में 50 हजार किलोमीटर नई सड़के बनाई जाएंगी।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की महत्वाकांक्षी योजना से ग्रामीण इलाकों में सड़कों का जाल बुन गया है। इन सड़कों की मॉनिटरिंग सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय करता है। सांसद लंबे समय से इस योजना में स्थानीय स्तर पर विचार-विमर्श समेत अपनी भागीदारी की मांग कर रहे थे, जिसमें सड़क की स्वीकृति से लेकर बाद में उनकी मरम्मत तक की शिकायतें शामिल थीं। ये मामला संसद में भी गूजा।

लोकसभा में बृहस्पतिवार को हरीश मीना, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, हीना गावित ने इस विषय पर पूरक प्रश्न पूछे और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की गुणवत्ता, रखरखाव, समय पर निर्माण के साथ सांसदों की भूमिका का मुद्दा उठाया। इसका सभी दलों के सदस्यों ने समर्थन किया। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, सुष्मिता देव, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव, राकांपा की सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस सदस्य, वामदलों के सदस्यों नेपीएमजीएसवाई योजना में सांसदों की भूमिका सुनिश्चित किये जाने की मांग की। कुछ सदस्यों ने इस विषय पर सदन में चर्चा कराने की भी मांग की।

ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा, ‘‘मैं भी एक सांसद हूं और मैं सांसद की व्यथा जानता हूं।पीएमजीएसवाई में सांसदों की भूमिका का स्पष्ट प्रावधान है। और अगर इस प्रावधान का राज्यों में ठीक ढंग से पालन नहीं हो रहा है तो केंद्र सरकार इसे सुनिश्चित करेगी।''

पीएमजीएसवाई पर विभिन्न दलों की चिंताओं पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह अपने अनुभव के आधार पर बताना चाहती है कि सांसदों को इस तरह की स्थितियों का सामना करना होगा। लेकिन इस संबंध में सतर्कता समिति है। सांसदों को चाहिए कि वह हर तीन महीने में सतर्कता समिति की बैठक बुलायें। हर सांसद को यह बैठक बुलानी चाहिए, जिसमें अधिकारी भी शामिल होते हैं। इस शस्त्र का बराबर उपयोग करें।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन की सदस्य होने के नाते वह सांसदों को पेश आने वाली समस्याओं को समझती हैं और सदस्य जब चाहेंगे, तब इस विषय पर चर्चा करायी जा सकती है।

एक प्रश्न के उत्तर में ग्रामीण विकास मंत्री तोमर ने कहा जून 2016 तक 500 से अधिक आबादी वाली 27069 बस्तियों को सड़क से जोड़ा जा चुका है जबकि 16931 बस्तियों को जोड़ने की मंजूरी दी जा चुकी है। योजना के दूसरे चरण में 50 हजार किलोमीटर नई सड़के बनाई जाएंगी।

एक अन्य सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत जारी परामर्श के अनुसार गांव के अंतिम छोर तक स्थित स्कूलों, पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों, शमशान घाटों को सड़क सम्पर्क से जोड़ने का प्रावधान है।

 

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