सावधान! ओ-पॉजीटिव की तरह दिखने वाला खून है ख़तरनाक
दरख्शां कदीर सिद्दीकी 28 July 2016 5:30 AM GMT

लखनऊ। आमतौर पर हमने यह सुना है कि एक ही ब्लड ग्रुप का आदमी एक-दूसरे को ब्लड दे और ले सकता है, लेकिन यह अनोखा खून है। जो टेस्ट में तो ओ-पॉजीटिव दिखाता है, लेकिन गलती से भी अगर इसे ओ-पॉजीटिव ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति को चढ़ा दिया जाए तो इंसान की मौत हो सकती है। इसे बाम्बे टाइप ब्लड ग्रुप कहते हैं।
अब तक आप ने चार तरह के ब्लड देखे, पढ़े या सुने होंगे, लेकिन 1952 में बाम्बे के एक व्यक्ति में एक दिलचस्प खून का पता चला। जो टेस्ट करने में तो ओ-पॉजिटिव ग्रुप का दिखाता है। लेकिन अस्ल में यह ब्लड ग्रुप बाम्बे ब्लड टाइप है। यह दुनिया का सबसे रियरेस्ट ब्लड ग्रुप है। दस लाख लोगों में चार लोगों का ही ऐसा ब्लड ग्रुप होता है। 1952 में डॉक्टर वाईजी भिड़े ने खोजा था।
सबसे पहले बाम्बे के अन्दर पाया गया था इसलिए इसका नाम बाम्बे ब्लड टाइप पड़ गया। ब्लड टाइप के अन्दर पाए जाने वाले फेनोटाइप रिएक्शन के बाद पता चला कि इस खून में एन्टीजन-एच पाया जाता है, यह इससे पहले कभी नहीं देखा गया था। इस अनोखे ब्लड के बारे में ट्रान्सफयूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष तूलिका चंद्रा का कहना है कि इस खून की खासियत है कि इसमें ठीक से एन्टीबॉडी ए और बी डेवलप नहीं होते हैं और एन्टीजन-एच बनने के बाद रुक जाती है और ए एन्टीजन बी एन्टीजन नहीं बनती है, जबकि उसके अन्दर ए और बी एन्टीजन बनने की क्षमता है तो जब हम उसको ओ-पॉजीटिव ग्रुप चढ़ाते हैं तो दोनों में रियेक्शन हो जाता है। जिससे पता चलता है यह बाम्बे ब्लड ग्रुप का व्यक्ति है।
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