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प्राचीन ज्ञान और कला को पुनर्जीवित करने की जरूरत क्यों है?
भारतीय गर्मी ने अभी-अभी दरवाजे पर दस्तक देनी शुरू की थी। लेकिन बेंगलुरू अपनी ठंडी हवा, सुनहरी धूप और अपने फूलों वाले पेड़ों के साथ इतना आकर्षक कभी नहीं था। कुछ साल पहले फरवरी की दोपहर में मैं शहर के...
Nidhi Jamwal 18 March 2023 10:29 AM GMT

बदलते गाँव, ग्रामीण भारत की बदलती जीवन शैली; चलिए एक बार बीते हुए कल को आज बनाते हैं
आधुनिकता के दौर में अब गाँव भी शहर बनते चले जा रहे हैं। धीरे-धीरे ही सही लेकिन शहरी सुविधाएं अब गाँवों तक पहुंच चुकी हैं। गाँव में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंची हैं, जिससे निश्चित तौर...
Dr. Satyendra Pal Singh 13 March 2023 7:12 AM GMT

भारत के कृषि क्षेत्र में बिजली की जरूरतों के लिए सौर ऊर्जा पर जोर
ग्रामीण भारत में ट्यूबवेल से झर-झर निकलते पानी और उसे खेतों की ओर बहते देखना आम बात है। हम बॉलीवुड फिल्मों में भी गाँवों के ऐसे शॉट्स देखते आए हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ट्यूबवेल वास्तव में...
Nidhi Jamwal 18 Feb 2023 9:30 AM GMT

विश्व रेडियो दिवस: रेडियो के दिनों की बेहतरीन यादें
अद्भुत लगने वाली झुमरी तलैया से ज्यादा दुनिया में कोई अच्छी जगह नहीं थी जहां मैं जाना चाहता थी। मैं हर दिन फौजी भाईयों के रेडियो कार्यक्रम पर इसके बारे में सुनती थी, झुमरी तलैया से कम से कम एक भाई...
Pankaja Srinivasan 13 Feb 2023 2:01 PM GMT

विश्व रेडियो दिवस: जब रेडियो हमारी जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा हुआ करता था
रविवार की वो सुबह बहुत खास होती थी। बात चालीस साल पहले की है, लेकिन लगता है जैसे कल की ही बात हो।मैं पाँच बरस की थी। मेरे पिता के हल्के भूरे रंग के 'ट्रांजिस्टर' पर बजने वाली आकाशवाणी की सिग्नेचर...
Nidhi Jamwal 13 Feb 2023 11:52 AM GMT

वायू प्रदूषण से प्रभावित होने के बाद भी भारत के गाँव वायू प्रदूषण निवारण नीतियों का हिस्सा नहीं
भारत में हर वर्ष लगभग दस लाख लोगों की बाहरी वातावरण में उपस्थित वायु प्रदूषण जिसे आउट एयर पॉल्यूशन कहा जाता है के कारण मौत हो जाती है। लगभग छह लाख लोग घर के अंदर होने वाले प्रदूषण के समय से पहले काल...
Ajay Singh Nagpure 4 Feb 2023 2:23 PM GMT

मोटे अनाजों में छिपा है पोषण का खजाना, जिन्हें अब 'श्री अन्न' के नाम से जाना जाएगा
भारत सरकार की पहल पर वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स) के रूप में घोषित किया गया है। जिसकी शुरुआत एक जनवरी से हो गई है। साथ ही 2023-24 का बजट...
Dr. Satyendra Pal Singh 1 Feb 2023 12:45 PM GMT

आदिकाल से लेकर आधुनिक भारत तक के सफर में रहा है देसी गायों का योगदान, क्या उसे भुलाया जा सकता है?
भारतीय समाज में पुरातन काल से ही गाय खासकर भारतीय गाय का बहुत ही पूज्यनीय स्थान रहा है। आदिकाल से लेकर आधुनिक भारत तक के सफर में भारतीय गायों का योगदान कम नहीं आंका जा सकता है। लेकिन मशीनीकरण के दौर...
Dr. Satyendra Pal Singh 9 Jan 2023 12:01 PM GMT