कहीं खून से सने पैर, कहीं चप्पल भी नहीं, मगर अब आर-पार की जंग लड़ेंगे मुंबई पहुंचे 35,000 किसान

Kushal MishraKushal Mishra   11 March 2018 6:26 PM GMT

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कहीं खून से सने पैर, कहीं चप्पल भी नहीं, मगर अब आर-पार की जंग लड़ेंगे मुंबई पहुंचे 35,000 किसानमहाराष्ट्र के किसान आंदोलन में शामिल हुई किसान महिलाओं के पैर चलते-चलते हो चुके हैं पत्थर। फोटो साभार: इंटरनेट

ये पैर महाराष्ट्र की किसान माताओं के हैं, नासिक से 180 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए इनके पैर चलते-चलते पत्थर हो चुके हैं, किसी के पैरों से खून निकल रहा है तो कोई दर्द के बावजूद पैदल बढ़ रहा है, मगर अपने हक की लड़ाई के लिए ये अब थमने को तैयार नहीं है….

हर दिन 30 से 35 किलोमीटर पैदल चलते हुए छह दिन बाद महाराष्ट्र के ये 35,000 किसान रविवार को आखिरकार मुंबई के ठाणे पहुंच चुके हैं और अब अपनी मांगों को लेकर इन किसानों की सोमवार यानि 12 मार्च को महाराष्ट्र विधानसभा घेरने की तैयारी है।

बीती 6 मार्च को नासिक से महाराष्ट्र के 25,000 किसानों से शुरू हुए इस आंदोलन में अब तक कई किसान संगठन शामिल हो चुके हैं और अब इनकी संख्या लगभग 35,000 पहुंच चुकी है। इस पैदल मार्च में बड़ी संख्या में महिलाएं और आदिवासी क्षेत्र के किसान भी शामिल हैं।

क्या मांग कर रहे हैं किसान?

ऑल इंडिया किसान सभा की अगुवाई में निकले ये किसान सरकार की किसान विरोधी नीतियों से नाराज हैं और प्रमुख मांगों में शामिल पूर्ण कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के सरकार के वादे के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इन किसानों की मांग है कि कपास फसल में कीट लगने से हुए भारी नुकसान के साथ ओलावृष्टि से नुकसान पर सरकार हर एकड़ पर किसान को 40,000 रुपए मुआवजा दें। इसके अलावा किसानों के बिजली बिल माफ किए जाएं।

वहीं ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव अजीत नावले ने ‘गांव कनेक्शन’ से फोन पर बातचीत में बताया, “सरकार ने किसानों के लिए सिर्फ योजनाओं की घोषणाएं की हैं, मगर ईमानदारी से लागू नहीं किया। किसानों के साथ विश्वासघात किया गया है। अब किसान फिर से यलगार कर रहे हैं, हजारों की तादाद में किसान एकजुट हैं। हम किसान अपनी मांगों को लेकर अब महाराष्ट्र विधानसभा घेरेंगे और सरकार से किसानों के हित में अपनी मांगों को मनवा कर रहेंगे।“

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कितने पूरे हुए महाराष्ट्र के वादे

पिछले साल महाराष्ट्र की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों के लिए 34,000 करोड़ रुपए का किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी, मगर पिछले सात महीनों में 13,700 करोड़ का ही कर्ज माफ किया गया। मीडिया रिपोटर्स की मानें तो महाराष्ट्र के किसानों पर कुल 1 लाख 12 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। यही कारण है कि जून 2017 से अब तक महाराष्ट्र के 1753 किसान कर्ज के बोझ में खुशकुशी कर चुके हैं।

कर्जमाफी पर ऑल इंडिया किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. अशोक धवले ने कहा, “पिछले साल सरकार ने किसानों के लिए कर्जमाफी का ऐलान किया था, मगर अब तक 10 प्रतिशत भी किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा सका है। ऐसे में किसान अब महाराष्ट्र विधानसभा घेरेंगे और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।“

अन्य पार्टियों ने भी किया समर्थन

वामदलों के साथ महाराष्ट्र में किसानों के इस आंदोलन का समर्थन विपक्षी पार्टियों में कांग्रेस, शिवसेना समेत कई पार्टियों ने किया है। दूसरी ओर महाराष्ट्र किसानों के इस आंदोलन के छठे दिन महाराष्ट्र पुलिस भी हरकत में आ गई है। किसानों की इस बड़ी संख्या को देखते हुए कई क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की गई है।

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