महाराष्ट्र की पार्टी शिवसेना ने एक बार फिर से अपना फतवा जारी किया है। पहले वह फतवों का विरोध किया करती थी, अब वह फतवा जारी करती है। पहले वह क्रिकेट मैच के पहले पिच पर मोबिल डाल देती थी, विकेट को खराब कर देती थी। अब इस पार्टी को गानों पर फतवा जारी करना पड़ा। इस पार्टी ने मांसाहार पर बैन का विरोध किया था। अब यह पार्टी मुंबई में ग़ुलाम अली के गाने को बैन करना चाहती है।
बैन करना शिवसेना का शगल है। बहुत पहले इसने एक पत्रिका, एक चित्रकार,
और कई फिल्मों को बैन किया है। बैन करने वाली इस पार्टी का एक सांस्कृतिक प्रकोष्ठ भी है और एक फिल्म प्रभाग भी। इनको गाना तो पसंद है लेकिन पाकिस्तानी गायकों का गाना बिलकुल पसंद नहीं है।
इस पार्टी के सुप्रीमो पुराने और दिवंगत सुप्रीमो के पुत्र हैं। लेकिन यह पार्टी परिवारवाद का विरोध करती है। नए वाले सुप्रीमो के बेटे का भी राजतिलक होगा, ऐसा लोगों को अभी से लगता है। लेकिन पार्टी अभी भी परिवारवाद के खिलाफ है।
शिव सेना के नए वाले सुप्रीमो कमजोर हैं, ऐसा लोग मानते हैं। लेकिन जानकार उनके चचेरे भाई के मनसे को शिवसेना का वैचारिक प्रतिद्वन्द्वी मानते हैं। दोनों पार्टियों में बैन लगाने और हल्ला मचाने की भारी स्पर्धा है। लेकिन पार्टी के कमजोर कहे जाने वाले सुप्रीमो के पास एक फौज है, जिसको लोग शिवसेना कहते हैं। लोग उसे शिव की फौज नहीं कहते।
शिवसेना ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती जो उसकी बात नहीं मानती। 200 साल की गुलामी के बाद भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, ऐसा इतिहास की किताबें कहती हैं। बाहर के लोगों को मुंबई नहीं आना चाहिए, ऐसा शिवसेना कहती है। महाराष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और विश्व के सभी बड़ी कंपनियों के दफ्तर हैं, ऐसा सरकारी वेबसाइट कहती है।
माइकल जैक्सन एक महान गायक और नर्तक था। वह मराठी मानुष नहीं था। गैर-मराठी भी सम्मान के योग्य होते हैं, ऐसा भारत का संविधान कहता है। माइकल को महाराष्ट्र के मुंबई में बुलाया गया था। उसे शिव उद्योग सेना ने बुलाया था। शिव सेना को अमेरिकी गायकों से कोई उज्र नहीं है। पाकिस्तानियों से है।
तब के सुप्रीमो बाल ठाकरे को माइकल जैक्सन की नृत्यकला पसंद थी। विदेशों से लोग रोजाना मुंबई आते हैं ऐसा पर्यटन विभाग के आंकड़े कहते हैं। माइकल पहला ऐसा गैर-मराठी था, जिसे बाल ठाकरे ने महाराष्ट्र आने का न्योता दिया, ऐसा सभी कहते हैं। माइकल जैक्सन का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज है। माइकल को मराठी गीत नहीं याद थे। माइकल सुरक्षित अपने देश पहुंच गया था। ऐसा अखबारों की रिपोर्ट कहती है।
शिवसेना ने बंबई का नाम बदलकर मुंबई कराया। नामों का गलत उच्चारण शिवसेना को पसंद नहीं। शास्त्रों में भूल के लिए क्षमा करने को कहा गया है। शास्त्रों का मराठी अनुवाद अभी पूरा नहीं हुआ है। महाराष्ट्र के बाहर के लोग सुंदर नहीं होते, ऐसा शिव सेना कहती है। सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भारत के लोगों ने कम बार खिताब जीता है, ऐसा गूगल कहता है। गैर-मराठियों को महाराष्ट्र से चले जाना चाहिए ऐसा शिव सेना कहती है।
कुछ लोग शिवसेना की बात आसानी से समझ लेते हैं। कुछ नहीं समझते। भारत में बात मनवाने के लिए समझाने के अलावा एक और तरीका भी इस्तेमाल किया जाता है। महात्मा गांधी इसे हिंसा कहते थे। तमिल लोग लुंगी पहनते हैं। शिव सेना को लुंगी पहनना पसंद नहीं। तमिलनाडु भारत गणराज्य का एक प्रदेश है। तमिलनाडु के लिए मुंबई से कई सीधी ट्रेनें हैं।
भारत में पहली रेल महाराष्ट्र में चलाई गई थी। भारतीय रेल का नेटवर्क दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। बिहार और यूपी महाराष्ट्र से रेलमार्ग से जुड़ा है। शिवसेना वालों का सामान्य ज्ञान औसत से बेहतर है। उत्तर भारतीय गंदगी फैलाते हैं ऐसा शिवसेना कहती है। मुंबई के विकास में उनका भी योगदान है, ऐसा उत्तर भारतीय कहते हैं। मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है, ऐसा विश्व बैंक कहता है। मुंबा देवी के मंदिर के आस-पास बसी एक बस्ती की किस्मत बनाने में उत्तर भारतीयों ने अपना खून-पसीना लगाया है, ऐसा गूगल में पड़े रिपोर्ट कहते हैं। यह रिपोर्ट अंग्रेजी में है।
बाल ठाकरे के पूर्वज बिहार से थे, ऐसा दिग्विजय सिंह ने कहा। दिग्विजय सिंह पढ़े-लिखे हैं ऐसा संसद की वेबसाइट पर छपी उनकी प्रोफााइल कहती है। दिग्विजय सिंह एक किताब रखते हैं। किताब बाल ठाकरे के पिताजी ने संपादित की थी। ठाकरे परिवार बिहार से मध्य प्रदेश होता महाराष्ट्र आया, ऐसा किताब कहती है। यह दुष्प्रचार है ऐसा शिवसेना कहती है। महाराष्ट्र के बाहर से हजारों लोग रोजाना रेलगाड़ी से मुंबई आते हैं। शिवसेना इस पर क्रोध करती है। शिवसेना के एक भी सराहनीय कार्य की चर्चा गूगल पर नहीं है। गूगल का मालिक मराठी मानुष नहीं है।
(लेखक पेशे से पत्रकार हैं ग्रामीण विकास व विस्थापन जैसे मुद्दों पर लिखते हैं, ये उनके निजी विचार हैं)