राहुल गांधी के शुभचिन्तकों ने जाने-अनजाने असदुद्दीन ओवैसी को हथियार दे दिया और भाजपा तो पहले ही राहुल गांधी का धर्म पूछ रही थी। ओवैसी का कहना कि राहुल गांधी को जनेउधारी हिन्दू कहकर कांग्रेस ने ओबीसी, अनुसूचित जातियों तथा मुसलमानों को छोटा बता दिया। यह कड़वी सच्चाई है कांग्रेस ने शायद अनजाने में ऊंच नीच का पैमाना दिखा दिया। और भारतीय जनता पार्टी के लोग जो राहुल गांधी को हिन्दू प्रमाणित करने के लिए ललकार रहे हैं, क्या अपने को हिन्दू प्रमाणित कर सकेंगे। उससे पहले बताना होगा कि हिन्दुत्व है क्या?
कांग्रेस के लोगों ने अनावश्यक विवाद मोल लिया है अथवा ट्रैप में फंस गए। कांग्रेस वालों को पता होगा कि जनेउ केवल ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य ही धारण कर सकते हैं। और इनके जनेउ भी क्रमशः 96, 94 और 92 अंगुल के धागे से बनते हैं। आजादी के बाद 70 साल में शिखा और सूत्र का महत्व समाप्त हो चुका है। क्या हिन्दू समाज को कांग्रेस फिर से छोटी-बड़ी जातियों में छिन्न भिन्न करना चाहती है। उत्तर भारत में सवर्णों में भी यज्ञोपवीत संस्कार अब कम ही होता है कुछ लोगों में विवाह के समय दुर्गा जनेउ होता है। हिन्दू कहलाने के लिए जनेउ का संस्कार अनिवार्य भी नहीं है जैसे मुसलमानों में सुन्ना और ईसाइयों में बाप्टाइजेशन। तब हिन्दू कौन है, उसकी पहचान क्या है?
ये भी पढ़ें – नेहरू ने सेकुलरवाद सुलाया, मोदी ने जगा दिया
कांग्रेस के लोग जैसे ही राहुल गांधी को जनेउधारी हिन्दू कहेंगे विपक्षी उनकी वंशावली खोजने लगेंगे। राहुल गांधी की दादी इन्दिरा गांधी कश्मीरी पंडित की बेटी थीं और उनके दादा फ़ीरोज़ जहांगीर शायद पारसी थे। उनकी मां सोनिया गांधी जन्म से ईसाई हैं और पिता राजीव गांधी का जनेउ होते 1984 में टीवी पर तब देखा था जब वह अपनी मां इन्दिरा गांधी का दाह संस्कार करने और उनको मुखाग्नि देने जा रहे थे। भारतीय परम्परा में जनेऊ धारण करने का अधिकार सब को नहीं है इसलिए जनेउधारी शब्द का प्रयोग सार्थक तो है परन्तु जनेउ धारण करने का अधिकारी कौन है यह भी देखना होगा। वैसे भारत में आज भी धर्म और जाति अपने पुरखों वाली ही मिलती है जब तक धर्म परिवर्तन न कर लें।
ये भी पढ़ें – नोटबंदी का एक साल : 10 ऐसे सवाल जिनके जवाब जनता आज भी मांग रही है
हिंन्दू कहने का एक आधार है कि जो कोई हिन्दुस्तान में पैदा हुआ, पला बढ़ा वह हिन्दू है। यह बात संघ परिवार को मुआफिक पड़ेगी लेकिन मुस्लिम समाज इस बात को सिरे से खारिज करेगा। तब कांग्रेसियों को क्या हासिल होगा राहुल गांधी को हिन्दू साबित करके। और विपक्षियों को क्या कहूं जो राहुल गांधी से हिन्दू होने का प्रमाण मांग राहें हैं। उनमें से कितने लोग अपने हिन्दू होने का प्रमाण दे पाएंगे। जब माननीय उच्चतम न्यायालय ने हिन्दू धर्म को जीवन शैली माना है तो उसका प्रमाण क्या होगा, कैसे मिलेगा। यदि कोई भारतीय चौराहे पर खड़े होकर एलान कर दे कि मैं हिन्दू हूं तो कोई माई का लाल उसे रोक सकता है? यदि राहुल गांधी कहते हैं वह हिन्दू है, तो हैं।
ये भी पढ़ें – मोदी सरकार खराब, मगर किससे? निर्णय कौन करेगा ?
एक पुरानी सेकुलर पार्टी के नाते कांग्रेस को सवाल उठाना चाहिए था कि सोमनाथ मन्दिर में प्रवेशार्थियों के लिए दो रजिस्टर क्यों हैं? जमाना पहले भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी को उड़ीसा के जगन्नाथ मन्दिर में पूजा अर्चना नहीं करने दिया गया था क्या अब भी वही नियम है। सार्वजनिक मन्दिर किसी की व्यक्तिगत जागीर नहीं हैं इसलिए प्रवेश नियंत्रित नहीं होना चाहिए। कांग्रेस के लोग इस घटना को कभी षडयंत्र कहते हैं तो कभी भूल लेकिन इससे गुजरात चुनाव पर क्या असर पड़ेगा पता नहीं, हां राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तो प्रभावित नहीं होगा।
ये भी पढ़ें – त्वरित टिप्पणी : प्रजातंत्र का चौथा खंभा गिरेगा या बचेगा
संवाद से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।