एक सरकारी स्कूल ऐसा भी... सुबह के साथ-साथ शाम को चलती हैं क्लास

प्राथमिक विद्यालय,नयापुरवा में बच्चे शाम को करते हैं सामूहिक पढ़ाई, बच्चे ही करते हैं मॉनिटरिंग

Jigyasa MishraJigyasa Mishra   22 Aug 2018 8:34 AM GMT

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मानिकपुर(चित्रकूट)। प्रार्थना खत्म करते ही सारे बच्चे एक साथ छाया में आकर बैठ गए। कक्षा के अनुसार पंक्तियों में बैठे बच्चों के ठीक सामने प्रधानाध्यापक अजय कुमार बैठे। छात्र सत्यम ने रजिस्टर से एक-एक कर बच्चों के नाम पढ़ने शुरू किए। पंकज का नाम आते ही सत्यम ठहरा। बोला,' सर पंकज और सूरज कल पढ़ने नहीं आए। उन्हें बुलाने गए तो बोले घूमने जाना है।'


सत्यम खुद चौथी क्लास का छात्र है। साथ ही स्कूल के बाद चलने वाली सामूहिक पढ़ाई का मॉनिटर भी है। उस क्लास में कितने बच्चे आ रहे हैं, कौन नहीं आ रहा, यह सब सत्यम ही देखते हैं। जहां कई सरकारी स्कूल बच्चों के न आने से परेशान हैं, वहीं चित्रकूट जिले के प्राथमिक विद्यालय नयापुरवा, मानिकपुर में स्कूल के बाद शाम को एक्सट्रा क्लास भी चलती है। वर्तमान में विद्यालय में एक प्रधानाचार्य, एक सहायक शिक्षक और एक शिक्षा मित्र तैनात हैं। यहां 132 बच्चों का रजिस्ट्रेशन है। शायद ही कोई दिन बीतत हो यहां बच्चों की उपस्थिति 110 के नीचे जाती हो।

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प्राथमिक विद्यालय नयापुरवा शहर से हटकर देवांगना घाटी के ऊपर छोटे से गाँव, ददरी में स्थित है। जहां बच्चों के साथ टीचर भी दूर दूर से आते हैं। प्रधानाध्यापक अजय कहते हैं, 'शुरू में विद्यालय में उपस्थिति 50 प्रतिशत भी हो जाती तो हमारे लिए बड़ी बात होती थी। बच्चे होमवर्क भी नहीं करते थे। तब हमने सोचा की कुछ अलग करना है और बच्चों को शिक्षित करना है तो हमें थोड़ा ज्यादा वक्त देना होगा।

वहां स्कूल से जाने के बाद बच्चे बिल्कुल पढ़ाई नहीं करते थे। अभिभावक पढ़ाते नहीं थे और बच्चे खुद कोशिश नहीं करते थे। होमवर्क न कर पाने के कारण भी कई बार बच्चे नहीं आते थे। तब हमने ग्रुप स्टडी की शुरुआत की। हमने मोहल्लों में बच्चों से साथ मिलकर पढ़ने को कहा। हर जगह एक पढ़ाई मॉनिटर भी बनाया। वह मॉनिटर सभी बच्चों को स्कूल की छुट्टी के दो घंटे बाद इकट्ठा कर के पढ़ाता है। मॉनिटर किसी मेधावी को ही बनाते हैं।'

सहायक शिक्षक, ललित कहते हैं "हम लोग हर दूसरे दिन बच्चों की ग्रुप स्टडी का निरीक्षण करने जाते हैं। बच्चों को कोई दिक्कत होती है तो उनकी मदद भी करते हैं"

सत्यम, सामूहिक पढ़ाई के मॉनिटर बताते हैं, "हम घर लौट कर कुछ देर आराम करते हैं फिर सभी बच्चों को बुला लेते हैं पढ़ने के लिए। किसी के आंगन में बैठ कर साथ गृह-कार्य करते हैं। हर सुबह, प्रार्थना के बाद सर पूछते हैं की कौन-कौन पढ़ने नहीं आया। जो नहीं आता है उसका नाम बता दिया जाता है। एक दिन से ज्यादा कोई स्कूल या ग्रुप स्टडी में नहीं आता है तो टीचर उनके अभिभावकों से बात करते हैं।"

    

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