बदायूं जिले के इस स्कूल में खूबसूरत पेंटिंग हरे भरे पौधे करते हैं स्वागत

जगत ब्लॉक के आमगांव के पूर्व माध्यमिक स्कूल को स्वच्छता के लिए मिल चुका है प्रदेश में प्रथम स्थान, प्रधानाध्यापिका ने विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के सहयोग से स्कूल को बनाया खूबसूरत। वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए विद्यालय परिसर में लगा है वर्षा जल संरक्षण सयंत्र

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   12 Sep 2018 8:44 AM GMT

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बदायूं जिले के इस स्कूल में खूबसूरत पेंटिंग हरे भरे पौधे करते हैं स्वागत

बदायूं। जिले में कई ऐसे सरकारी स्कूल हैं जो अपने सुंदर और स्वच्छ कैंपस के लिए मिसाल हैं, लेकिन इलाके का एक स्कूल सबसे अलग है। प्रधानाध्यापिका और विद्यालय प्रबंधन समिति के प्रयासों से यह स्कूल प्रदेश के स्वच्छ स्कूलों में प्रथम स्थान पा चुका है। जगत ब्लॉक के आमगांव के इस पूर्व माध्यमिक स्कूल में पैर रखते ही सरकारी स्कूलों के प्रति बनी सोच बदल जाती है। स्कूल की प्रधानाध्यापिका संगीता शर्मा ने विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के सहयोग से स्कूल संवार दिया है। भवन पर खूबसूरत पेंटिंग के साथ इसके प्रांगण को सजाया गया है। पूरे परिसर में सुंदर पेड़-पौधे लगाए गए हैं।

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विद्यालय के सभी कमरों की मरम्मत कराने के साथ कमरों के अंदर टाइल्स, बाहर रंग-बिरंगी इंटरलॉकिंग, पूरे परिसर में बाउंड्रीवाल। ये वो बाते हैं जो स्कूल को बाकियों से अलग बनाती हैं। इतना ही नहीं स्कूल में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए गए हैं।


स्कूल की प्रधानाध्यापिका संगीता शर्मा ने बताया, "वर्ष 2016 में मेरी इस विद्यालय में तैनाती हुई थी। उस समय 74 छात्र पंजीकृत थे। जब मैं यहां आई तो विद्यालय की हालत बहुत खराब थी। सबसे पहले मैंने समुदाय के लोगों को जोड़ा। विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को सक्रिय किया और उनके साथ गाँव जाकर ग्रामीणों को जागरूक किया। हमारे इसी प्रयास का नतीजा है जो आज विद्यालय में 120 बच्चे पंजीकृत हैं। हर साल बच्चों की संख्या में वृद्धि हो रही है और खास बात यह है कि विद्यालय में लड़कियों का प्रवेश अधिक हो रहा है।"

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सफाई पर रहता है विशेष ध्यान

विद्यालय में रोज सफाई की जाती है। सफाई में निकलने वाले कूड़े से विद्यालय में ही वर्मी कंपोस्ट बनाई जाती है, जिसे विद्यालय परिसर में लगे पेड़ पौधों में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही विद्यालय में किचन गार्डेन बनाया गया है। इसमें से निकलने वाली सब्जियों को मिड डे मील में इस्तेमाल किया जाता है।

संगीता शर्मा ने बताया, 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर विद्यालय में शौचालय और अन्य निर्माण कार्य कराए गए हैं। हम लोग विद्यालय परिसर को बहुत साफ रखते हैं। इसी का परिणाम है कि वर्ष 2017 में हमारे विद्यालय को प्रदेश के सबसे स्वच्छ विद्यालय का पुरस्कार मिला है। इसके साथ ही देश स्तर पर चयनित है। मुझे राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।'

जनपद में विद्यालय

माध्यमिक: 1802

पूर्व माध्यमिक: 656

कस्तूरबा गांधी विद्यालय: 18

आमगांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में...

120: बच्चे पंजीकृत

64 छात्राएं

56 छात्र

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विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य बच्चों को करते हैं सम्मानित

विद्यालय प्रबंध समिति के सभी सदस्य बहुत ही सक्रिय हैं। प्रबंध समिति की अध्यक्ष सोनिया ने बताया, 'जब से संगीता मैडम आई हैं हमारे गाँव का स्कूल पूरे जनपद में नंबर वन बन गया है। मैडम ने हमें जिम्मेदारी का अहसास कराया। अब हम लोग हर महीने बैठक करते हैं और स्कूल के लिए क्या और बेहतर किया जाए इस पर चर्चा करते हैं। जो बच्चे माह में शत प्रतिशत उपस्थित रहते हैं उन्हें सम्मानित किया जाता है। हमारे इस प्रयास से स्कूल में बच्चों की उपस्थिति शत प्रतिशत हो गई है।'

प्रोजेक्टर और कम्प्यूटर से होती है पढ़ाई

कुछ समाजसेवियों के सहयोग से विद्यालय में प्रोजक्टर, कम्प्यूटर, इंवरटर, साइंस लैब के साथ लाइब्रेरी का निर्माण कराया गया है। यहां से बच्चों को किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं। बच्चे कैरम, बैडमिंटन और शतरंज जैसे खेल भी खेलते हैं। स्कूल के बच्चे कम्प्यूटर पर पढ़ाई करते हैं। सातवीं कक्षा की छात्रा अपूर्वा पटेल ने बताया, 'हमारे स्कूल में पढ़ाई बहुत अच्छी होती है। हम लोगों को विज्ञान के प्रैक्टिकल कराए जाते हैं। कम्प्यूटर और प्रोजेक्टर से भी हमें पढ़ाया जाता है।' आठवीं कक्षा की छात्रा आकांक्षा पटेल ने बताया, 'हमारे स्कूल में हर तरह की सुविधा मौजूद है। स्वच्छ शौचालय और शुद्ध पानी के लिए आरओ की व्यवस्था है। खेलने के लिए झूले भी लगाए गए हैं।'

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मीना मंच से जगाई शिक्षा की अलख

स्कूल का मीना मंच एकदम अलग महत्व रखता है। इस मंच से गाँव में बालिका शिक्षा की ऐसी अलख जगी है कि गाँव की अधिकांश लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। मीना मंच की लड़कियां ग्रामीणों को जागरूक भी करती हैं। ग्रामीणों को सफाई का महत्व समझाती हैं। इसके लिए वे गांव में रैली भी निकालती हैं।

स्कूल में बेहतर पढ़ाई और अच्छा माहौल मिलने से अभिभावकों का विश्वास बढ़ा है। कई गाँवों के लोग अपने बच्चों का नाम यहां लिखवाने लगे हैं। इस स्कूल में करीब पांच किलोमीटर दूर से छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं। अभिभावक इंद्रसेन सिंह ने बताया, 'हमारे गाँव का स्कूल बदायूं जिले में नंबर एक पर है। जिलाधिकारी भी हमारे गाँव के स्कूल की तारीफ कर चुके हैं। संगीता मैडम ने स्कूल को चमका दिया है।' वहीं अभिभावक मुन्ने ने बताया, "स्कूल में बहुत अच्छी पढ़ाई होती है। हमारे बच्चे अंग्रेजी में बात करते हैं। उन्हें अंग्रेजी में बात करते सुनना बहुत ही सुखद अहसास देता है।'

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प्रधानाध्यापिका संगीता शर्मा ने बताया, " विद्यालय में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए विद्यालय परिसर में वर्षा जल संरक्षण संयंत्र लगाया गया है। पूरे परिसर को रोजना साफ किया जाता है। छात्रों के लिए एक-दो नहीं बल्कि कई शौचालयों का निर्माण कराया गया है। यहां बच्चों और अध्यापकों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था है। हाथ धोने के लिए खासतौर पर वॉश बेसिन लगाया गया है ताकि बच्चों में अच्छी आदत पड़े।"

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