सड़कों पर दो प्लेन हादसों के बराबर रोज़ मौतें

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सड़कों पर दो प्लेन हादसों के बराबर रोज़ मौतेंगाँव कनेक्शन

मुम्बई। देश में हर रोज़ 350 लोग सड़क हादसों में मरते हैं, किसी भी अन्य देश से बहुत ज्यादा। मरने वालों में 18 वर्ष से कम उम्र के लोग और दोपहिया वाहनों के लोग सबसे ज्यादा होते हैं।

एक सामान्य आकार का विमान उदाहरण के तौर पर एअरबस ए-380 में एक बार में 180 यात्री उड़ान भर सकते हैं। यानि भारतीय सड़कों पर रोज़ मरने वाले लोगों की संख्या एक दो विमान हादसों में होने वाली मौतों के बाराबर है। “अगर लोगों से भरे दो प्लेन रोज़ हादसों का शिकार हों, तब भी क्या लोग उसे कम गंभीरता से लेंगे?” आंकड़ों के ज़रिए सड़क हादसों के प्रति लोगों को जागरूक करने वाले गैर सरकारी संगठन ‘सेव लाइफ’ के अध्यक्ष व संस्थापक पीयूष तिवारी ने बताया। 

‘सेव लाइफ’ द्वारा आरटीआई के ज़रिए 2014 में जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार अट्ठारह साल से कम उम्र के 11.93 प्रतिशत लोग यातायात में हुई दुर्घटनाओं में मारे गए। मरने वालों में 18-30 वर्ष की आयु के 33 प्रतिशत लोग हादसों में मारे गए। मारे जाने का कारण उल्टी-सीधी ड्राइविंग, सड़कों की बेकार स्थित और सुरक्षा की कमी है। सबसे ज्यादा घटनाओं वाले दस राज्यों में उत्तर प्रदेश सातवें नंबर पर है। 

लेकिन यदि गंभीर हादसों की बात करें तो तमिलनाड के बाद यूपी दूसरे नंबर पर है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाड में वर्ष 2013 में 14,504 गंभीर हादसे हुए, उत्तर प्रदेश के लिए यह संख्या 13,175 थी। फरवरी में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी पार्लियामेंट को बताया कि देश में सालाना सबसे ज्यादा एक लाख 30 हजार लोग पांच लाख से ज्यादा सड़क हादसों में मरते हैं। वर्ष 2015 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन (डब्लयूएचओ) के अध्ययन में भी कहा गया था कि भारत की सड़कें सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं करतीं। लोग सीट बेल्ट नहीं लगाते, गति सीमा से अधिक तेज गाड़ी चलाते हैं, हेलमेट नहीं पहनते, सीट बेल्ट नहीं लगाते और बच्चों की गाड़ी में सुरक्षा पर ध्यान नहीं देते। ये सब मौतों की बड़ी वजहों में से हैं।

“वे लोग भी जो आगे की सीटों पर सीटबेल्ट लगाकर बैठते हैं, इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि पिछली सीट वालों ने सीटबेल्ट लगाया या नहीं” तिवारी आगे कहते हैं, “वे इस तथ्य को नज़रअंदाज़ कर जाते हैं कि हादसे की स्थिति में पीछे बैठे लोग कई बार उछल कर आगे विंडशील्ड में लड़ते हैं, और आगे बैठे लोगों को घायल करते हैं”।

रिपोर्टर - कमला थिएगाराजन

 

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