मध्यभारत में प्रचुरता से पाए जाने वाला शीशम फर्नीचर और मकानों में इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। शीशम का वानस्पतिक नाम डलबर्जिया सिस्सु हैं। इसकी फल्लियों में टैनिन नामक रसायन खूब पाया जाता है, फल्लियों को सुखाकर चूर्ण बना लिया जाए और इस चूर्ण को घावों पर लगाया जाए तो घाव जल्द ही सूख जाते है। आदिवासी शीशम के पत्तों से बने तेल को भी घाव पर लगाते है, जिससे घाव जल्दी ठीक होता है।