लगभग 10 ग्राम अनार के फूलों को आधा लीटर पानी में उबालें, जब यह एक चौथाई शेष बचे तो इस काढे़ से कुल्ला करने से मुंह के छालों से आराम मिलता है। पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकारों के मुताबिक अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीस लिए जाएं और इसे मंजन की तरह दिन में 2 से 3 बार इस्तेमाल किया जाए तो दांतों से खून आना बंद हो जाता है और दांत मजबूत हो जाते हैं। डाँग- गुजरात के आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार अनार के फूलों को पीसकर शरीर के जले हुए हिस्से पर लगाने से जलन तुरंत कम हो जाती है और दर्द में भी आराम मिलता है।