मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले की पातालकोट घाटी के भारिया आदिवासी लू से लड़ने के लिए बेल के रस से बना अनोखा पेय तैयार करते हैं। ताज़े पके बेल के फल का लगभग 250 ग्राम गूदा लेकर 500 मि.ली. पानी में अच्छी तरह से मसलकर इसमें 2 चम्मच नींबू का रस मिला लिया जाता है। स्वादानुसार चीनी और नमक भी डाल दिया जाता है। आदिवासियों के अनुसार इस रस को अगर लू से ग्रसित रोगी सुबह या शाम एक गिलास प्रतिदिन पीये तो जल्द लू का असर खत्म हो जाता है। इन्ही आदिवासियों के अनुसार बेलिया रस के अनेक औषधीय गुण भी हैं।