फराशबीन भारत वर्ष में प्रचलित फल्लियों की सब्जियों में से एक प्रमुख सब्जी है। फल्लियों की अन्य सब्जियों की तुलना में इसमें ज्यादा कैलोरी पायी जाती है और इसमें प्रोटीन की मात्रा कम होती है। प्रोटीन की मात्रा कम होने की वजह से बुजुर्गों के लिए ये उत्तम भोज्य है। फराशबीन में मुख्यत: फोलिक अम्ल, विटामिन-सी, मैग्नीशियम, पोटैशियम और जस्ते जैसे खनिज तत्वों की प्रचुरता होती है। फराशबीन का वानस्पतिक नाम फेसिओलस वल्गारिस है। आधुनिक विज्ञान इसके फल्लियों के रस से इंसुलिन नामक हार्मोन के स्राव होने का दावा करता है इसलिए इसे मधुमेह (शुगर) में उपयोगी माना जाता है। डाँग- गुजरात के आदिवासी इसकी फल्लियों को पीसकर या कद्दूकस पर घिसकर मोटे कपड़े से इसका रस छान लेते है और इस रस को कमजोर शरीर और बुखार से ग्रस्त रोगियों के देते है। उनके अनुसार इसमें पोषक तत्व की भरपूर मात्रा होती है और ये कमजोरी को दूर भगाने में कारगर फार्मुला है।