आदिवासी अंचलों में अर्टिकेरिया नामक एलर्जी (शरीर पर लाल चकत्तों का बनना) जो कि एक इंफ्लेमेशन है, से निपटने के लिए ताज़े अदरक को कुचलकर रस तैयार किया जाता है और इसका लेप सारे शरीर पर दिन में कम से कम 4 बार किया जाता है। जानकारों का मानना है कि ऐसा लगातार करने से आर्टिकेरिया की परेशानी से आराम मिल जाता है। कुछ इलाकों में आदिवासी महुए की फलियों से निकाले गए तेल को शरीर पर लगाते हैं। इनका मानना है कि ये तेल शरीर के बाहरी हिस्सों पर हुयी किसी भी तरह की एलर्जी को दूर करने में बेहद कारगर साबित होता है।