लंदन। आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि उन्हें ठीक से नींद नहीं आती। तनाव भरी जीवनशैली में नींद न आने की समस्या बढ़ती ही जा रही है लेकिन अगर आप समय पर अच्छी नींद नहीं लेते तो यह आपके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।
डॉक्टर्स भी कम से कम 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं लेकिन अब इसे लेकर एक नई रिसर्च आई है जिसमें ये दावा किया गया है कि अगर आप भरपूर नींद नहीं लेते तो आपका वजन तो बढ़ेगा ही, साथ ही साथ आपको डायबिटीज होने का ख़तरा भी बढ़ सकता है।
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ब्रिटेन की लीड्य यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस पर अध्ययन किया। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ग्रेग पॉटर के मुताबिक, 1980 की तुलना में अब दुनियाभर में मोटे लोगों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। नींद न लेने से मोटापा बढ़ता है और मोटापा अपने साथ और भी कई बीमारियों को लेकर आता है, खासकर इससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा काफी बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च में 1615 लोगों को शामिल किया, जिनकी उम्र 18 साल से ज़्यादा थी। इनमें देखा गया कि वे कितने घंटे सोते हैं और कितना खाते हैं। इर रिसर्च में यह सामने आया कि जो लोग 6 घंटे की नींद लेते हैं उनकी कमर 9 घंटे की नींद लेने वाले लोगों से 3 सेंटीमीटर ज़्यादा है। ऐसा नहीं है कि नींद न लेने से मोटापा सिर्फ कमर पर ही बढ़ता है बल्कि यह आपके पूरे शरीर में फैट को इकट्ठा करता है। शोधकर्ताओं ने कहा, ‘हमारे अध्ययन के नतीजे उन साक्ष्यों को मजबूत करते हैं, जिनमें अपर्याप्त नींद डायबीटीज जैसे मेटाबॉलिक (चयापचय संबंधी) रोगों के बढ़ने में मदद करता है।’
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इस शोध का पूरा निष्कर्ष ‘प्लोस वन’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया। इसके अलावा, शोध में यह भी पता चला है कि कम नींद लेने वाले लोगों में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी कमी होती है। यह एक अच्छे कोलेस्ट्रॉल के रूप में पहचाना जाता है, जो रक्त संचार में बाधक वसा को हटाने में मदद करता है और हृदयरोग से बचाता है।
क्या होती है टाइप 2 डायबिटीज
टाइप 2 डायबिटीज में मरीज़ का ब्लड शुगर लेवल बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है। इस बीमारी में भूख बार – बार लगती है और बार बार यूरिनेशन की समस्या भी होती है। इसके अलावा थकान, कम दिखना और सिर दर्द जैसी समस्या भी होती हैं। समस्या ज़्यादा बढ़ने पर इसका असर आपकी आंखों पर पड़ता है और डायबिटिक रेटिनोपैथी नामक बीमारी भी हो सकती है। टाइप 2 डायबिटीज वैसे तो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है लेकिन बच्चों में इसके होने की संभावना ज़्यादा होती है। टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता है।
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डायबिटीज के मामले
आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया भर में करीब 35 करोड़ लोग डायबिटीज का शिकार हैं। इनमें से करीब 6.3 करोड़ अकेले भारत में हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के अनुसार 2030 तक डायबिटीज लोगों की मौत का सातवां सबसे बड़ा कारण होगा। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, डायबिटीज के कुल मामलों में से लगभग 90 प्रतिशत मामले टाइप 2 डायबिटीज के होते हैं।