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सरसों की गुणकारी फल्लियों के बारे में सुना है आपने कभी?

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सरसों की गुणकारी फल्लियों के बारे में सुना है आपने कभी?सरसों का नाम सुनते ही आपको या तो इसके तेल की याद आएगी या इसके हल्के काले दानों की तस्वीर दिखाई देगी जो आपके किचन में बतौर मसाला खूब इस्तेमाल में लाया जाता है। सरसों का नाम सुनते ही सरसों की भाजी की भी याद आ जाती है लेकिन आपने इसकी फल्लियों के बारे में ज्यादा नहीं सुना होगा।

सरसों की फल्लियों को मध्यभारत में सरसों की मोहगर के नाम से भी जाना जाता है। इन फल्लियों में अनेक औषधीय गुण पाए जाते हैं।

वैज्ञानिक शोध पत्रिका ‘लांसेट’ में प्रकाशित एक क्लीनिकल स्टडी पर गौर करें तो जानकारी मिलती है कि इसकी फल्लियां हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकती है।

अक्सर बीमार रहने वाले लोगों के एक समूह को इसकी फल्लियों का सेवन 15 दिनों तक लगातार करवाया गया और परिणाम देखने पर पाया गया कि इन लोगों की रोगप्रतिरोधक क्षमता में काफी सुधार हुआ। मजे की बात ये भी है कि मध्यप्रदेश के पातालकोट घाटी के इलाकों में सैकड़ों सालों से सरसों की फल्लियों की सब्जी और चटनी का उपयोग कमजोर लोगों में ताकत और ऊर्जा को बढ़ाने के लिए बतौर हर्बल फॉर्मूला किया जाता है।

पारंपरिक हर्बल जानकारों के अनुसार सरसों की करीब 5-6 फल्लियों को रोज रात सोने से पहले चबाकर खाने से पेट के कीड़े मर कर शौच के साथ बाहर निकल आते हैं। दांतों से जुड़ी समस्याओं जैसे पायरिया, सड़न और मसूड़ों की सूजन की शिकायत होने पर सरसों की मोहगर को चबाया जाना चाहिए।

वनवासी इलाकों में सरसों की पत्तियों और मोहगर की स्वादिष्ट चटनी बनायी जाती है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर भी होती है। कई इलाकों में तो चपाती के लिए आटा गूंथते समय उसमें सरसों के छोटे पीले फूलों को भी डाल दिया जाता है जिससे आटा भी गुणकारी हो जाता है। और भी जानकारी जानने के लिए ‘हर्बल आचार्य’ के इस एपिसोड को जरूर देखें। हमारा यू ट्यूब चैनल भी सब्सक्राइब करें ताकि समय-समय पर आपको नए एपिसोड्स की नोटिफिकेशन मिलती रहे।

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