Gaon Connection Logo

क्षार और अम्ल का संतुलन जरूरी है- डॉ सान्या खंडेलवाल चमड़िया (नैचुरोपैथ एक्सपर्ट)

बीमारी

लोग मानते हैं कि जैसे जैसे हम विकसित होते गए हैं वैसे वैसे हमारा जीवन आसान हुआ है लेकिन सच्चाई ये है कि विज्ञान आधुनिक और विकसित हो जरूर चुका है, हमने कई क्षेत्रों में प्रगति भी खूब करी है लेकिन हमारा औसतन जीवनकाल बेहतर नहीं हो पाया है। प्रगति उसे कहते है जो हमें अपने निर्धारित लक्ष्य की और ले जाये, और जो निर्धारित लक्ष्य से दूर ले जाए उसे अधोगति कहते हैं। आजकल हर घर में कोई ना कोई बीमार हैं। हरी गली चौराहों पर मेडिकल स्टोर्स हैं, सारे स्टोर्स दवाओं से भरे हुए हैं। इतनी दवाइयाँ होते हुए भी हम सब बीमार हो ही जाते हैं, कभी सोचा है आपने कि ऐसा क्यूँ होता है?

बीमार होने का सबसे बड़ा कारण हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता में गिरावट का होना है। हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होगी तो हम कितना भी अच्छा खा लें, कितने भी अच्छे घर में या वातावरण में रहें तो भी अगर थोड़ा भी बैक्टेरिया या वाइरस के संपर्क में आएं तो हम बीमार हो जाते हैं। जिनके शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता ज्यादा तगड़ी होती है, वे लोग विषम परिस्थ्तियो में रहते हुए भी जल्दी से बीमार नही होते हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि सन 2025 के बाद हमारे शरीर में किसी भी तरह के एंटीबायोटिक्स काम नही कर पाएंगे यानी बेअसर हो जाएंगे क्यूँकि प्रदूषित वातावरण, दूषित खान पान और अव्यवस्थित जीवन जीने के कारण हमने ख़ुद अपनी इम्यूनिटी पॉवर यानी रोगप्रतिरोधक क्षमता को कमज़ोर कर दिया है। इससे बचने का केवल एक ही उपाय है की आप अपने खाने में क्षार और अम्ल का संतुलन बनाएं।

ये भी पढ़ें: सावधान : ये स्मॉग आपको दे सकता है फेफड़े का कैंसर

आपको बता दें कि अगर हमें सदा स्वस्थ रहना है और बिना किसी बीमारी के अगर हमें 100 साल जीना है तो हमें 80% क्षार और 20% अम्ल का संतुलन बनाकर भोजन करना चाहिए। बिना क्षार और अम्ल के बैलेन्स के कोई भी स्वस्थ रह ही नई सकता है और एक यही उपाय है जिसे करके हम अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। अब यहाँ समझने की बात है कि 80% क्षार और 20% अम्ल का संतुलन होता क्या है? जो खाना हम गैस पर रख कर पकाते हैं वो सब एसिड फ़ूड यानी क्षारीय खाद्य पदार्थ की केटेगरी में आते हैं जैसे रोटी, सब्ज़ी, चावल, दाल, जंक फ़ूड, दूध, चाय इत्यादि। जिन खाद्य पदार्थों को गैस पर रख कर पकाने की जरूरत नहीं होती वे सभी अम्लीय भोज्य पदार्थ कहलाते हैं, जैसे फल, कच्ची हरी सब्ज़ियां, फलों का रस, सब्ज़ियों का रस, अंकुरित अनाज, नारियल पानी इत्यादि।

अब एक पल के लिए सोचिये कि आप सुबह से लेकर रात सोने तक क्या- क्या खाते हैं? और इन वस्तुओं के सेवन के बाद आपने आपके शरीर को क्षार और अम्ल का संतुलन बनाने का मौका दिया या नहीं? ज्यादातर लोगों का जवाब आएगा कि हम एसिड फ़ूड यानी अम्लीय भोजन करते हैं। यही एक वजह भी जिससे आप अक्सर बीमार रहते हैं। बीमारी को निमंत्रण देने का काम आप और हम ही करते हैं। बार-बार बीमार होकर हम अपने शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर करते चले जाते हैं।

आप सदा स्वस्थ रहना चाहते है तो आज से ही अपने खाने में क्षार और अम्ल का संतुलन बनाना शुरु करें, सदा हँसते और मुस्कुराते रहिए।

ये भी पढ़ें: ताकि न हो सर्दियों में आपके शरीर में पानी की कमी

ये भी पढ़ें: इसलिए ये बीमारियां महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा होती हैं ज्यादा

More Posts

छत्तीसगढ़: बदलने लगी नक्सली इलाकों की तस्वीर, खाली पड़े बीएसएफ कैंप में चलने लगे हैं हॉस्टल और स्कूल

कभी नक्सलवाद के लिए बदनाम छत्तीसगढ़ में इन दिनों आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलने लगी है; क्योंकि अब उन्हें...

दुनिया भर में केले की खेती करने वाले 50% किसान करते हैं इस किस्म की खेती; खासियतें जानिए हैं

आज, ग्रैंड नैन को कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है, जिसमें लैटिन अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया, भारत...