नई दिल्ली (भाषा)। दिल की बीमारी से ग्रस्त लोग रोजे में क्या करें और क्या नहीं करें इस बारे में भारत के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों ने रमजान का महीना शुरु होने से पहले उन्हें सलाह दी है। उन्होंने अनियंत्रित रक्तचाप के मरीजों को भी खासतौर पर आगाह किया है।
नई दिल्ली के फोरट्सि एस्कॉर्ट हार्ट इंस्ट्टिीयूट के कार्यकारी निदेशक और कार्डियोलॉजी के डीन डॉ उपेंद्र कौल ने कहा है कि दिल के रोगियों के लिए खाने और पानी के बिना सूर्य उदय से लेकर अस्त तक का रोजा रखना मुश्किल हो सकता है। उन्होंने उन्हें निम्नलिखत का अनुसरण करने की सलाह दी:
उच्च रक्तचाप
उच्च रक्तचाप के ऐसे मरीज जो अक्सर कई दवाइयां लेते हैं उन्हें सलाह दी गई है कि वह पवित्र महीना शुरु होने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उनका रक्तचाप काफी अच्छी तरह से नियंत्रित रहे।
ऐसी कई गोलियों का मिश्रण है जिन्हें अहले सुबह में रोजा शुरु होने से पहले और इफ्तार (रोजा तोड़ने) के वक्त लिया जा सकता है। जिन मरीजों का रक्तचाप अनियंत्रित रहता है उन्हें रोजा रखने से सख्ती से परहेज करना चाहिए।
दिल की बीमारियां
लंबे अरसे से दिल की बीमारी से जूझ रहे वे लोग जिन का हृदय सही से काम नहीं करता है खासतौर पर जिन्हें तनाव में सांस लेने में तकलीफ होती है उन्हें चिकित्सकीय आधार पर रोजा नहीं रखना चाहिए।
बहरहाल, ऐसे रोगी जो अच्छी तरह से नियंत्रित और लक्षण मुक्त हैं वे एहतियाती उपायों के साथ रमजान में रोजा रख सकते हैं। उन्हें इफ्तार के वक्त ज्यादा खाने से बचना चाहिए और सुबह तक थोड़ा-थोड़ा कुछ-कुछ खाते रहना चाहिए।