रानू सिद्दीकी, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
औरैया। महिला अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आठ माह से कोई डॉक्टर नहीं है। एक अस्पताल में एक एएनएम और दूसरे में फार्मासिस्ट काम कर रहे हैं।
जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर फफूंद में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा है। डॉक्टर के न होने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। आये दिन अस्पताल में मरीजों का तांता लगा रहता है।
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जिले में डॉक्टरों की कमी है। डॉक्टरों की कमी के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। शासन से अगर डॉक्टर भेजे जाएंगे तो अस्पतालों में तैनाती की जाएगी।
डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, मुख्य चिकित्साधिकारी
कस्बा निवासी आरिफ सिद्दीकी (45 वर्ष) कहते हैं, “डॉक्टरों के न होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। डॉक्टरों की तैनाती की जाए तो लोगों को परेशानी से निजात मिले।” गरीब तबके के मरीजों को सरकारी अस्पताल का ही सहारा है। मगर उनको स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं हो पा रही है। स्वास्थ्य विभाग अपने आंखों में पट्टी बांधे हुए है। यही हाल महिला अस्पताल का है। लगभग एक साल से महिला डॉक्टर तैनात नहीं है।
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