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इन कारणों से होता है किडनी का कैंसर, ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान

किडनी कैंसर होने का प्रमुख कारण स्मोकिंग और मोटापा है, वहीं लंबे समय तक डायलिसिस होने पर भी कैंसर होने का खतरा बढ़त जाता है, भारत के लोगों में दूसरे देशों की अपेक्षा पहले हो जाता है किडनी कैसर
#kidney cancer

लखनऊ। भारत में किडनी कैंसर के मरीजों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। इन मरीजों का इलाज सिर्फ सर्जरी ही विकल्प है। अत्‍याधुनिक सर्जरी से कैंसरग्रस्त हिस्सा और गुर्दे का थोड़ा सा हिस्‍सा ही निकालकर बाकी गुर्दा बचा लेना संभव हो गया है, जबकि पहले पूरा गुर्दा निकालना पड़ता था।

टाटा मेमोरियल कैंसर इंस्टीट्यूट के डॉक्टर गनेश बक्शी ने बताया, ” कैंसर होने पर सामान्य तौर पर रेडियोथेरेपी और कीमो थेरेपी से इलाज किया जाता है। हालांकि किडनी के कैंसर में दोनों तरीके प्रभावी नहीं होते। इसका एक मात्र इलाज ऑपरेशन ही है। पहले कैंसर होने पर पूरी किडनी निकालनी पड़ती थी, लेकिन अब नेफ्रॉन स्पेयरिंग सर्जरी से किडनी बचा ली जाती है।”

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डॉक्टर बक्शी ने आगे बताया, “शुरुआती दौर में किडनी की बीमारी को पकड़ना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन पेशाब में अगर खून आने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कमर या पेट में दर्द हो या किडनी के आस-पास गांठ जैसी कोई चीज महसूस हो तो इसकी जांच करानी चाहिए।

केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. एसएन शंखवार ने बताया, ” पहले ट्यूमर या कैंसर होने पर पूरी किडनी निकाल दी जाती थी, क्योंकि इनमें रेडियोथेरेपी कारगर नहीं थी। लेकिन अब सर्जरी से इलाज संभव है। करीब चार सेमी. से छोटा ट्यूमर है तो उसे नेफ्रॉन स्पेयरिंग सर्जरी या पार्शियल नेफ्रोक्टमी के माध्यम से निकाल दिया जाता है। “

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” स्मोकिंग किडनी कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। बीड़ी, सिगरेट में कैंसर के लिए जिम्मेदार 400 से ज्यादा हानिकारक तत्व होते हैं। यह खून के माध्यम से किडनी तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में यह कैंसर का बढ़ावा देते हैं। ” डॉक्टर पाहवा ने आगे बताया।

राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली के डॉक्टर सुधीर कुमार रावल ने बताया, ” किडनी कैंसर धुम्रपान, मोटापा या आनुवंशिक कारण हो सकता है। अगर आपके परिवार में पहले कभी किसी को किडनी का कैंसर हुआ है, तो आपको भी इसके होना का खतरा बना रहता है। अधिक मोटापे या वजन से ग्रस्त लोगों में भी किडनी कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

कैंसर का इलाज उसकी अवस्थाओं पर निर्भर करता है। किडनी कैंसर कभी-कभी अधिक बढ़ जाने के कारण किडनी निकालकर जान बचानी पड़ती है, लेकिन अब ऐसा नहीं है अब जान बचाने के लिए किडनी को निकालना नहीं पड़ता है। अब किडनी कैंसर को लेप्रोस्कोपी सर्जरी के तहत कुछ मेडिकल इंस्ट्रूमेंट इस्तेमाल कर किडनी कैंसर को समाप्त किया जाता है।

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किडनी कैंसर के लक्षण

पेशाब में खून आना

भूख न लगना

अचानक से वजन का होना

हमेशा थकान लगना

शरीर के एक तरफ दर्द होना


किडनी कैंसर से बचाव

– धुम्रपान न करें

– नियमित रूप से व्यायाम

-वजन घटाएं

– स्वस्थ भोजन करें

– रक्तचाप को नियंत्रित रखें

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किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के यूरोओंकोलॉजिस्ट डॉक्टर एचएस पाहवा ने बताया, ” दुनिया भर में कैंसर के मरीजों की संख्‍या बढ़ रही है। भारत की बात करें तो आईसीएमआर के अनुसार इस समय देश में साढ़े 22 लाख कैंसर से पीड़ित लोग हैं, जबकि हर साल करीब 11 लाख नये कैंसर रोगियों को चिन्हित किया जाता है। वहीं अगर इससे होने वाली मौतों की बात करें तो बीते 15 वर्षों में यह संख्‍या दोगुनी हो गयी है। हर वर्ष कैंसर से ग्रस्‍त करीब 8 लाख लोग मौत का शिकार हो जाते हैं। किडनी का कैंसर मूत्र संबंधी कैंसरों में तीसरे नम्‍बर का कैंसर है।”

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” किडनी कैंसर होने का प्रमुख कारण स्मोकिंग और मोटापा है। इसके अलावा लंबे समय तक डायलिसिस होने पर भी कैंसर होने का खतरा बढ़ता है। किडनी कैंसर 60 से 80 की उम्र में अधिक होता है। भारत के लोगों में दूसरे देशों की अपेक्षा पांच वर्ष पहले ही कैंसर हो जाता है। पेशाब से ब्लड आए, कमर के हिस्से में बगल में सूजन या दर्द हो तो यह बीमारी की एडवांस स्टेज हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर इलाज शुरू करानी चाहिए।” डॉक्टर पाहवा ने आगे बताया।  

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