भीम कुमार, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
सोनभद्र। सोनभद्र जिले में कुएं और हैडपम्प में फ्लोराइड, नाइट्रेट की मात्रा अधिक पाए जाने वाले जल स्रोतों से बीमारियों के बढ़ने से ग्रामीण अंचल क्षेत्र के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है।
जिले में कुल 269 गाँव में फ्लोराइड पाया गया है, जो सबसे ज्यादा (4 ब्लॉक) चोपन, दुद्धी, बभनी, म्योरपुर के सभी गाँव में सबसे ज्यादा पानी खराब है। हैंडपंपों में फ्लोराइड की मात्रा अधिक मिली है। जिससे रोजाना इस क्षेत्र के रहवासी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। चोपन के रहने वाले राजीव तिवारी (58 वर्ष) बताते हैं, “हमारे क्षेत्र में पानी एकदम पीला हो गया है। चाहे व हैंडपंप का हो या कुएं का। हम लोग इसी पानी को पीते हैं, यह हमारी मजबूरी है।
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पानी खराब होने के कारण आए दिन लोग बीमार रहते हैं।” वहीं, दूसरी ओर महेंद्र कुमार बताते हैं कि हैंडपंप से काफी पानी मटमैला आ रहा है। घर में लोगों को पानी पीने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। लेकिन क्या करें, हमारे सामने मजबूरी है। कई बार गाँवों में पानी को लेकर अधिकारियों से शिकायत भी गई, मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वहीं जल निगम एक्सईएन दिनेश कुमार का कहना है, “चोपन, दुद्धी, बभनी, म्योरपुर ब्लॉक क्षेत्र में फ्लोराइड पाया गया है। जो उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के साथ ही प्रभावित एरिया में पाइपलाइन से पेयजल सप्लाई के लिए कार्ययोजना बनाकर भेजी गई है। नीति आयोग से मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।”
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