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सेहत की रसोई: ऐसे बनाएं ‘मराठवाड़ा ठेचा’

Herbal Acharya

एक ऐसा कॉलम है जिसमें हम आपकी रसोई और स्वाद को बेहतर करने के लिए एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट रेसिपी की जानकारी परोसते हैं। हमारे मास्टरशेफ भैरव सिंह की बतायी रेसिपी के गुणों की वकालत हमारे हर्बल आचार्य डॉ. दीपक आचार्य करते हैं।

सेहत और किचन के तड़के को ध्यान में रखकर “सेहत की रसोई” कॉलम आप तक पहुंचाया जाता है। हमारे दोनों एक्सपर्ट्स का मानना है कि आपकी सेहत को दुरुस्त रखने के सारे उपाय आपकी रसोई में ही उपलब्ध हैं। सेहत की रसोई यानि बेहतर सेहत आपके बिल्कुल करीब। इस कॉलम के जरिये हमारा प्रयास है कि आपको आपकी किचन में ही सेहतमंद बने रहने के व्यंजन से रूबरू करवाया जाए। सेहत की रसोई में इस सप्ताह मास्टरशेफ हमारे पाठकों के लिए ला रहे हैं एक पारंपरिक चटनी “मराठवाड़ा ठेचा”।

हरी धनिया को साफ धो लें, इनसे डंठल अलग करके पत्तियों को बारीक काटकर किसी साफ बर्तन में रख दें। करीब 10 लहसुन की कलियां लेकर इन्हें छील लें और बारीक बारीक काट लें या इसे कूटकर पेस्ट जैसा भी बना सकते हैं। एक तवे पर तेल डालें और जब यह तेल गर्म हो जाए तो इसमें सबसे पहले जीरा पाउडर (2 चम्मच) डाल दें और फिर लहसुन के बारीक टुकड़ों या पेस्ट को डाल दें। अब बारीक कटी हुई हरी मिर्च भी डाल दें और 20-30 सेकेंड तक भून लें और फिर इसमें बारीक कटा हुआ हरा धनिया और स्वाद के हिसाब से नमक भी डाल दें और अगले 1 मिनट तक मध्यम आंच भून लें। इस तरह तैयार हो जाएगा तड़ाकेदार तीखा मराठवाड़ा ठेचा। कुछ इलाकों में लोग हरी मिर्च के बजाए सूखी लाल मिर्च को इस्तेमाल में लाते हैं। मजे से बाजरे की रोटी के साथ इस तीखे ठेचे जा आनंद लें। इसके गुणों की वकालत तो हर्बल आचार्य ही करेंगे।

क्या कहते हैं हमारे हर्बल आचार्य

महाराष्ट्र के मराठावाड़ा इलाके में प्रचलित ठेचा काफी तीखे स्वाद वाला होता है। जापान, कोरिया और हिन्दुस्तान के अनेक प्राचीन लेखों और ग्रंथों तक में तीखे व्यजनों की उपयोगिता और गुणों का बखान देखने को मिलता है। महाराष्ट्र में प्रचलित रेसिपी “ठे़चा” भी ऐसा ही व्यंजन है जिसमें भरपूर तीखापन होता है। भले ही इसका सेवन करते करते लोगों की आंख से पानी निकल आए, लेकिन वे इसे सप्ताह में एक दो बार तो जरूर सेवन में लाते हैं। तीखे व्यंजन के कई औषधीय गुण भी होते है जो हमारी सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। जानकार मानते हैं कि ठेचा खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और शरीर का रक्त शुद्ध होगा। मिर्च विटामिन सी का एक बढ़िया स्रोत है और धनिया में लौह तत्वों की भरमार भी। जीरा पाचक गुणों वाला होता है तो लहसुन गज़ब का एंटिबॉयोटिक। अब देरी किस बात की, बनाएं अपने रसोई में ठेचा और खूब आनंद से इसे खाएं। मुंह में मिर्च जलन करे तो मास्टरशेफ भैरव को जरूर याद करिएगा।

आवश्यक सामग्री: दो व्यक्तियों के लिए

  • हरी धनिया- करीब 20 ग्राम
  • हरी मिर्च- करीब 8-10
  • जीरा पाउडर- 2 चम्मच
  • लहसुन- 10
  • नमक स्वादानुसार
  • खाद्य तेल- 1 चम्मच

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