नई दिल्ली (भाषा)। अपने बढ़ते वजन से परेशान आप अगर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वर्कआउट संबंधी अनेक सलाह लेने के बाद भी मायूस हैं, तो दिल छोटा मत करिए, एक नई किताब का दावा हैं कि आयुर्वेद के जरिए आप आसानी से अपना वजन कम कर सकते हैं।
तंत्रिका विज्ञानी कुलरीत चौधरी और ईव एडमसन की किताब ‘द प्राइम प्रिपेर एंड रिपेयर योर बॉडी फोर स्पॉन्टेनियस वेट लॉस यूजिंग आयुर्वेद’ में कहा गया है, ‘‘आहार में से आम तौर पर उन्हीं चीजों को हटाया जाता है जो आप खाना चाहते हैं, जितना आप खुद से कहते हैं कि आप वे नहीं खाएंगे, उतना ही आपका उन्हें खाने को मन करता है।” बेखबर ‘डाइटर’ को एहसास होने से पहले ही, वे अपनी पुरानी आदतों को वापस अपना लेते हैं, जिससे वजन बढ़ जाता है और उर्जा कम हो जाती है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि वे यह सोचने लगते हैं कि वे कमजोर हो रहे हैं और उनमें शक्ति कम हो गई है, जिससे वे अधिक खाने लगते हैं। लेखिक ने कहा, ‘‘अगर आप वजन कम करने में असफल होने के लिए खुद पर उंगली उठाते हैं तो आप गलत हैं।”
किताब में कहा गया है, ‘‘डाइटिंग और व्यायाम की योजना के नामुमकीन और सजा प्रतीत होने के पीछे भी विशिष्ट वैज्ञानिक कारण हैं। आप ‘जैव रासायनिक’ की गिरफ्त में फंसकर कैसे कैद हो जाते हैं, आप अनजाने में ऐसी चीजों के आदी हो जाते हैं जो आपको इस जेल में कैद कर देती हैं।” लेखिक ने कहा कि जैव रसायन से केवल जैव रसायन के जरिए ही लडा जा सकता है। किताब में बताया गया है कि ‘डाइटिंग इन रिवर्स’ के जरिए ही यह मुमकिन है।
किताब में चार चरणों का उल्लेख है, जैव रसायन को सक्रिय करना, लालसा को समाप्त करना, उर्जा और वसा को प्रज्वलित करना, और अपनी जीवनशैली की जैविक जांच करना। लेखिका कुलरीत चौधरी और ईव एडमसन दोनों ही तंत्रिका वैज्ञानिक हैं। डॉ चौधरी स्क्रिपप्स मेमोरियल अस्पताल के वेलस्प्रिंग हेल्थ में 10 साल तक निदेशक पद पर थी। अब वह न्यू प्रैक्टिसिज इन्क में मुख्य चिकित्सक अधिकारी हैं।