ग्रामीण महिलाओं की बढ़ रही सरकारी अस्पतालों तक पहुंच

गाँव कनेक्शन | Dec 08, 2016, 09:26 IST
government hospital
देवानिक साहा

साल 2004 से 2014 के बीच एक दशक में सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाली ग्रामीण महिलाओं की संख्या में 24 प्रतिशत वृद्धि हुई। थिंक टैंक, ब्रुकिंग्स इंडिया की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, एक देश के लिए यह महत्वपूर्ण है, जहां 50 प्रतिशत लोग चार गुना महंगी निजी चिकित्सा सेवा का लाभ उठाते हैं।

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर ब्रुकिंग्स की रपट में कहा गया है कि कुल मिलाकर इस अवधि में सरकारी अस्पतालों के बहिरंग विभागों में रोगियों की संख्या में छह प्रतिशत, जबकि वार्डो में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में सात प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। साल 2014 में 74.9 प्रतिशत बीमार लोगों ने निजी अस्पतालों के बहिरंग विभागों में इलाज कराए। यह संख्या साल 2004 में 79.7 प्रतिशत थी।

इस अवधि में निजी अस्पतालों पर ग्रामीण महिलाओं की निर्भरता में सर्वाधिक कमी देखी गई। साल 2004 में 78.2 प्रतिशत ग्रामीण महिलाओं ने निजी अस्पतालों में इलाज कराया। यह संख्या साल 2014 में घट कर 70.4 प्रतिशत हो गई थी।

सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या साल 2004 में 42.3 प्रतिशत थी, जो साल 2014 में बढ़कर 45.4 प्रतिशत हो गई थी। जबकि इस अवधि में सरकारी अस्पतालों में उपचार कराने वाली ग्रामीण महिलाओं की संख्या 45.1 प्रतिशत से बढ़कर 56.1 प्रतिशत हो गई थी।

नेशनल हेल्थ अकाउंट्स (एनएचए) के साल 2013-14 के आंकड़ों का समाचार पत्र 'द हिन्दू' द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, भारतीय नागरिक एक सरकारी अस्पताल की तुलना में एक निजी अस्पताल में आठ गुना अधिक खर्च करते हैं।

निजी अस्पतालों पर लोगों की घटती निर्भरता के बावजूद 1000 भारतीयों में 29 ने सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता को असंतोषजनक बताया जो एक सरकारी अस्पताल में इलाज कराने से परहेज के लिए आम लोगों द्वारा सर्वाधिक उल्लिखित कारण है।

सरकारी स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में प्रतीक्षा की लंबी घड़ी सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के मार्ग में तेजी से बनती बाधा प्रतीत होती है। सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं कराने के कारण के रूप में प्रति एक हजार में 6.8 लोगों ने साल 2004 में इस बात का उल्लेख किया था। ऐसा कहने वाले लोगों की संख्या साल 2014 में बढ़कर 18.6 हो गई।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रालेख 2015 के अनुसार, भारत में 930,000 डॉक्टर हैं, जिनमें 11.4 प्रतिशत (106,000) सरकार के लिए काम करते हैं। यानी प्रति 11,528 लोगों के लिए एक सरकारी डॉक्टर है। देश भर के ग्रामीण इलाकों के 25,308 स्वास्थ्य केंद्रों में 3000 से अधिक डॉक्टरों की कमी है। करीब 10 साल में यह कमी बढ़कर दो सौ या तीन सौ प्रतिशत हो गई है।

चिकित्सा सेवा नहीं लेने वालों की संख्या साल 2004 में प्रति हजार 15.1 थी, जो साल 2014 में घटकर 12.1 हो गई। इसका तात्पर्य यह है कि किसी न किसी रूप में चिकित्सा सेवा लेने वाले भारतीयों की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

(इंडियास्पेंड के साथ एक व्यवस्था के तहत। ये लेखक के निजी विचार हैं।)

Tags:
  • government hospital
  • rural women
  • think tank
  • Brookings India
  • National Sample Survey Office

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.