कोलकाता (भाषा)। आज विश्व एड्स दिवस है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि एचआईवी से संक्रमित 1.8 करोड़ लोग इस बीमारी से इलाज के लिए एंटीरिट्रोवायरल थैरेपी (एआरटी) ले रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने एचआईवी का पता लगाने को स्व परीक्षण के संबंध में नए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि एचआईवी से संक्रमित 1.8 करोड़ लोग इस बीमारी से इलाज के लिए एंटीरिट्रोवायरल थैरेपी (एआरटी) ले रहे हैं जबकि इतनी ही संख्या में लोग जीवनरक्षक इलाज से वंचित हैं।
साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एचआईवी का पता लगाने के लिए स्व परीक्षण के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
आज विश्व एड्स दिवस है और जारी डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश है कि एचआईवी संक्रमित हर व्यक्ति को एआरटी दिया जाना चाहिए और इसके कार्यान्वयन में सबसे बड़ी बाधा इस बीमारी का पता न चल पाना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आज एचआईवी संक्रमित सभी लोगों में से 40 फीसदी लोगों को अपनी स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है और यह आंकड़ा 1.4 करोड़ से अधिक है. इनमें से ज्यादातर लोगों को एचआईवी के संक्रमण का खतरा अधिक है तथा ऐसे लोगों के लिए परीक्षण की वर्तमान सेवाओं तक पहुंच अक्सर मुश्किल होती है।
डब्ल्यूएचओ की महानिदेशक मार्गेट चान ने कहा ‘‘एचआईवी से संक्रमित लाखों लोग उस जीवनरक्षक इलाज से अभी भी वंचित हैं जो दूसरों तक एचआईवी के प्रसार को रोक सकता है।
उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को एचआईवी स्वपरीक्षण करना चाहिए ताकि उन्हें अपने एचआईवी की स्थिति के बारे में पता चल सके और वे यह भी जान सकें कि इसका इलाज एवं रोकथाम कैसे संभव है।