हर रात एक घंटा अतिरिक्त सोने से शर्करा के सेवन में कमी लाने में मदद मिल सकती है और इस तरह आप पौष्टिक आहार लेने की ओर बढ़ सकते हैं। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि मोटापा और कार्डियो-मेटाबोलिक बीमारियों समेत अनेक मामलों में नींद जोखिमों को प्रभावित करने वाली एक अहम कारक है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूटरीशन में प्रकाशित एक अध्ययन में पोषक आहार के सेवन पर नींद के बढ़े हुए घंटों के पड़ने वाले असर का विश्लेषण किया गया है।
ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज लंदन में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि नींद में इजाफे से आधार रेखा के स्तरों की तुलना में लोगों की मुक्त शर्करा की खपत में 10 ग्राम की कमी आई है। उन्हें नींद बढ़ने से कुल कार्बोहाइड्रेट की खपत में कमी के रझान में भी गिरावट दिखी।
किंग्स कॉलेज लंदन की वेंडी हॉल ने बताया, ”नींद बढ़ने से मुक्त शर्करा की खपत में कमी का तथ्य इशारा करता है कि जीवनशैली में साधारण बदलाव से लोग सेहतमंद आहार लेने की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।”