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आपके बगीचे का आम भी बन सकता है इम्युनिटी बूस्टर

कोरोना काल में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तरह-तरह के इम्युनिटी बूस्टर का प्रयोग करते हैं, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के निदेशक शैलेंद्र राजन राजन बता रहे हैं कि किस तरह आम से बने उत्पाद इम्युनिटी बूस्टर का काम कर सकते हैं।
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शायद ही कोई होगा जिसे आम पसंद नहीं होगा, आम, फलों का राजा होने के नाते न केवल अपने स्वादिष्ट स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है, बल्कि इसका पेड़ इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हीलिंग बायोएक्टिव यौगिकों का अद्भुत भंडार है।

इस कोरोना काल में में शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) को मजबूत रखना एक सामान्य व्यक्ति और साथ ही मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याओं जैसी जीवन शैली आधारित समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए एक जरूरी है।

मेंगिफेरिन प्राकृतिक एंटी-वायरल यौगिकों में से एक है जो आम के पेड़ के विभिन्न भागों में पाया जाता है इसका उपयोग कई देशों में औषधीय और स्वास्थ्य सप्लीमेंट तैयार करने के लिए किया जा रहा है। आम के फल, पत्ती और तना मेंगिफेरिन का एक समृद्ध स्रोत है। यह एक बायोएक्टिव यौगिक है, जो अपने एंटी-वायरल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-एथेरोस्क्लोरोटिक गुणों के लिए जाना जाता है जिसमें हृदय और मधुमेह के रोगियों के लिए भी फायदे शामिल हैं। यह एचआईवी वायरस के खिलाफ भी प्रभावी पाया गया है।

फोटो: दिवेंद्र सिंह

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (एबीआई) द्वारा प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए आम आधारित दो उत्पाद विकसित किए गए हैं। संजीवनीप्राश (शुगर फ्री च्यवनप्राश) और मैंगीफ्लेक्स (ओमेगा 3 फैटी एसिड सप्लीमेंट) में आम के बायोएक्टिव यौगिकों को संयोजित किया गया।

आयुष मंत्रालय ने प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने वाले आयुर्वेदिक उपायों में से च्यवनप्राश की सिफारिश की है। संजीवनीप्राश का शुगर फ्री होना मधुमेह रोगियों के लिए सुरक्षित है। इसमें च्यवनप्राश के अतिरिक्त इम्युनिटी बढ़ाने वाले मेंगिफेरिन और अन्य बायोएक्टिव यौगिकों का भी योगदान है। संजीवनीप्राश में च्यवनप्राश का प्रभाव मेंगिफेरिन की सहायता से बढ़ाया गया है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक मजबूत करने में मदद करता है।

संस्थान की एबीआई द्वारा विकसित आम आधारित उत्पाद मेंगीफ्लेक्स में मुख्य रूप से ओमेगा -3 फैटी एसिड और मेंगिफेरिन के कारण स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने की क्षमता हैं। मेंगीफ्लेक्स शाकाहारियों के लिए, ओमेगा -3 और अन्य फैटी एसिड का एक उत्कृष्ट स्रोत है जो मानव शरीर में संश्लेषित नहीं हो पाते हैं।

फोटो: दिवेंद्र सिंह

शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड सप्लीमेंट कोविड-19 के साथ गंभीर रूप से बीमार रोगियों में श्वसन और गुर्दे की क्रियाशीलता संबंधित मापदंडों में सुधार करता है। चीनी वैज्ञानिकों ने परिकल्पना की है कि उच्च ओमेगा 3 फैटी एसिड स्तर रोगियों में कम मृत्यु दर से जुड़ा है। पोषण पर चीनी विशेषज्ञ पैनल ने प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड और पॉलीफेनोल के सेवन को बढ़ाने की सलाह दी थी। ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन कोविड-19 रोगियों में मृत्य घातक दर को कम कर सकता है जबकि प्रोटीन शरीर में अपचय घटाने और पॉलिफिनॉल्स इन्फ्लेमेशन से लड़ने में मदद करतें है।

आम और मोरिंगा आधारित उत्पाद विटामिन ए, सी और ई, और अन्य बायोएक्टिव यौगिकों में समृद्ध हैं। मोरिंगा मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करने के लिए जाना माना स्रोत है। इसके पत्ते मजबूत प्रतिरक्षा विकसित करने के लिए उत्तम प्राकृतिक स्रोत के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं। संस्थान के ए बी आई द्वारा मोरिंगा आधारित उत्पाद को मेंगिफेरिन और अन्य आम आधारित बायोएक्टिव यौगिकों ने और अधिक प्रभावशाली बना दिया है।

आम आधारित यह उत्पाद न केवल मेंगिफेरिन में समृद्ध हैं, बल्कि अन्य लाभकारी बायोएक्टिव यौगिक जैसे ल्यूपॉल और एलीजिक एसिड युक्त हैं। अब, इन बायोएक्टिव यौगिकों को कैंसर रोधी होने के अलावा अनेक औषधीय गुणों युक्त माना जाता है।

(लेखक, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमान खेड़ा, लखनऊ के निदेशक हैं)

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