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महिलाओं में बढ़ रही है अनियमित माहवारी

India

लखनऊ। लड़कियों में माहवारी का प्रारंभ होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो हर महीने नियमित रूप से होती है। इसका अनुभव भी हर लड़की में अलग अलग रूप में होता है- जैसे पेट दर्द, कमर दर्द और सर दर्द आदि की समस्या का अनुभव होना। लेकिन गर्भावस्था और वृद्धावस्था के समय महिलाओं में माहवारी नहीं होती। किसी कारणवश अगर महिला में सामान्य अवस्था में माहवारी बिना किसी कारण बंद हो जाए, तो इसे माहवारी का अभाव कहते हैं। यह समस्या हार्मोन में होने वाले बदलाव के कारण भी हो सकती है। मासिक धर्म या पीरियड 10-16 साल की लड़कियों के शरीर में होने वाला एक हार्मोनल बदलाव है। 

बलरामपुर की डाक्टर गीता खन्ना बताती हैं “स्त्री के शरीर में दो अंडाशय और एक गर्भाशय होता है, अंडाशय से हर माह एक विकसित अण्डा उत्पन्न होता है जब अण्डा गर्भाशय में पहुंचता है उसका स्तर खून और तरल पदार्थ से गाढ़ा हो जाता  है, जब यह अंडा पुरुष के शुक्राणु से नहीं मिलता तो यह स्राव बन जाता है जो कि योनि से निकल जाता है। इसी स्राव को मासिक धर्म रजोधर्म या माहवारी पीरियड या मासिक कहते हैं।” डाक्टर गीता खन्ना बता रही हैं अनियमित माहवारी में महिलाएं क्या करें और क्या न करें- 

करें थोड़ा-थोड़ा भोजन

दिन में एक बार में भोजन करने की जगह थोड़ा-थोड़ा भोजन करें क्योंकि ऐसा होता है कि जब हमारे एक खाने से लेकर दूसरी बार के खाने में अधिक अंतराल हो तो खून में शर्करा का स्तर कम हो जाता है इसलिए दर्द ज्यादा होता है। अगर खानपान में इस तरह का ध्यान रखें तो दर्द  कम हो जाती है। 

केला खाएं केला पोटेशियम का अच्छा स्त्रोत है जिससे आपको जरूरी पोटेशियम की प्राप्ति होती है इसलिए पीएमएस के कई लक्षण जैसे पेट में गैस बनना या शरीर में पानी जमा होना जैसी कई समस्याओं से केला आराम  दिलाता है। इसके अलावा आलू,प्याज, अंजीर और टमाटर में भी पोटेशियम पाया जाता है, खाने में इसे भी शामिल कर सकते हैं। ऐलोवेरा के साथ काली मिर्च या जीरे को दिन में तीन बार खाने से भी काफी हद तक पीएमएस की दर्द  को कम करने में मदद करता है।

ध्यान दें

डाक्टर गीता खन्ना बताती हैं, “अगर ज्यादा रक्त स्राव हो तो एन्डो मेटरियोसिस अल्ट्रा साउंड कराए। दवा को आदत न बनाएं और नियमित व्यायाम और योगा से मिलेगी दर्द में राहत इस तरह नियमित होगा पीरियड।”

रिपोर्टर- दीक्षा बनौधा

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