सर्दी और बीमारियों का रिश्ता बहुत करीबी है। इस मौसम में तला – भुना खाना हर किसी को भाता है। कई बार लोग कचोड़ियां, समोसे, पकौड़ी खाते हुए इतने मशगूल हो जाते हैं कि उन्हें याद ही नहीं रहता कि उन्होंने ज़रूरत से ज़्यादा खा लिया। इसके अलावा ठंड लग जाना भी इस मौसम में आम होता है। इन दोनों ही वजहों से उल्टी और डायरिया हो सकता है। ये सर्दियों की एक आम बीमारी होती है।
इस बीमारी को नोरोवायरस इनफेक्शन कहते हैं। इस वायरस के इनफेक्शन से अचानक उल्टी आने लगती और डायरिया हो जाता है। वायरस बहुत संक्रामक होता है और पानी व खाने के माध्यम से बहुत तेज़ी से फैलता है। यही नहीं बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से भी ये फैलता है।
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अागरा के फिजीशियन डॉ. बीके अग्रवाल के मुताबकि, इस वायरस का इनफेक्शन होने के 12 से 48 घंटे के भीतर डायरिया, पेट में दर्द और उल्टी शुरू हो जाती है और लगभग तीन दिनों तक इसका असर रहता है। वैसे तो ये बीमारी तीन दिन बाद खुद ही ठीक जाती है लेकिन नवजात शिशुओं, बुजुर्गों व किसी दूसरी बीमारी का शिकार लोगों को ख़तरनाक इनफेक्शन हो सकता है। नोरोवायरस संक्रमण अक्सर अस्पतालों, नर्सिंग होम, चाइल्ड केयर सेंटर, स्कूल और क्रूज़ जहाजों जैसे बंद और भीड़ वाले वातावरण में तेज़ी से फैलता है।
लक्षण
- चक्कर आना
- उल्टी
- पेट में दर्द
- डायरिया
- हल्का बुखार
- मांसपेशियों में दर्द
- घबराहट
हालांकि शरीर में किसी भी प्रकार के संक्रमण का इलाज डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं के द्वारा करते हैं, लेकिन नोरोवायरस पर एंटीबायोटिक दवाओं का असर नही होता और यह विषाणु इन दवाओं से नहीं मरते। यह विषाणु दो से तीन दिनों में खुद-ब-खुद खत्म हो जाते हैं। हाँ इस दौरान, रोगी को खूब सारे तरल और पोषक तत्वों की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है।
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क्या हैं कारण
नोरोवायरस अत्यधिक संक्रामक होता हैं और संक्रमित मनुष्यों और जानवरों के मल में पाया जाता है
- दूषित खाना खाने से
- दूषित पानी से
- अपने हाथ से दूषित खाना पानी या जगह छूकर फिर उसी हाथ से मुंह होने से
- नोरोवायरस इनफेक्शन के शिकार व्यक्ति के संपर्क में आने पर
वैसे तो नोरोवायरस इनफेक्शन कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है लेकिन फिर भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। चिकित्सक से परामर्श लेना ज़रूरी हो सकता है, वरना ये बीमारी ख़तरनाक भी हो सकती है।
डॉ. बीके अग्रवाल, फिजीशियन, आगरा
कब हो सकता है ख़तरनाक
ज़्यादातर लोगों में नोरोवायरस इनफेक्शन तीन से चार दिनों में ख़त्म हो जाता है लेकिन कुछ लोगों में इसका इनफेक्शन ख़तरनाक हो जाता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। नोरोवायरस इनफेक्शन से डायरिया, कुपोषण और यहां तक कि कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है। जब आपको, बेहोशी आना, गले और मुंह का सूखना, चक्कर आना, पेशाब बहुत कम आना, बच्चे में रोते समय आंसू कम आना या बिल्कुल न आना जैसे लक्षण दिखने लगें तो डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी हो जाता है।
बरतें ये सावधानियां
- खाना खाने से पहले, टॉयलेट जाने के बाद अपने हाथों को साबुन से धोएं।
- किसी बीमार व्यक्ति का बनाया हुआ खाना न खाएं, इसके अलावा खुला रखा हुआ खाना भी न खाएं।
- फल और सब्ज़ियों को इस्तेमाल करने से पहले ठीक से धोएं।
- अगर बीमार व्यक्ति को उल्टी आती है तो उस जगह को ठीक से साफ कर दें ताकि हवा से वायरस फैल न सके।
- जहां से वायरस फैलने का ख़तरा हो उस जगह को क्लोरीन से साफ करें। सफाई करते वक्त दस्ताने पहन लें।