पेट में कीड़े ज्यादातर बच्चों की परेशानी बन रही है। आंतों के कीड़े कई प्रकार के होते हैं जैसे व्हिपवर्म, गिर्डिएसिस, टेपवर्म, थ्रेडवर्म, फीता कृमि, पिनवर्म आदि यह किसी व्यक्ति को संक्रमित भोजन करने से ज्यादा पनप जाते हैं और पेट की दिक्कत बढ़ा देते हैं।
पेट में कीड़े क्यों होते हैं और इसके लक्षण कैसे जानें इसके बारे में लखनऊ की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ रूपा शर्मा बताती हैं, ”पेट में कीड़े आम बोलचाल की भाषा है ये कृमि होते हैं जो दूषित भोजन और गंदे पानी से भी हो सकता है। इसके अलावा कम पका हुआ खाना, या बिना साफ की गई सब्जी या फल से भी पेट में कीड़े पहंच जाते हैं, जिससे पेट में लगातार दर्द रहता है।”
वो आगे बताती हैं, ”साफ सफाई की कमी या गंदे कपड़े या रहन सहन की वजह से भी कीड़े पनप जाते हैं। छोटे बच्चे मिट्टी या गंदगी में खेलते हैं जिससे उनके हाथों में भी गंदगी चिपक जाती है और पेट तक पहुंच जाती है। इसलिए सफाई का ध्यान रखना चाहिए।”
नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा कराये गए शोध में पता चला कि जिले में लगभग 75 प्रतिशत बच्चों व किशोरों के पेट में कीड़े हैं, जो बच्चों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
लक्षण
- भूख न लगना
- वजऩ का कम होना
- जी घबराना या उल्टियां
- पेट दर्द
- गुदा के पास खुजली या दर्द होना
- कई बार ऐसे में बच्चे मिट्टी, चाक या खडिय़ा खाने लगते हैं।
उपचार
- अनार का जूस इसमें फायदेमंद होता है, ये पेट के कीड़े खत्म कर देते हैं। इसे नियमित करें।
- करेले के पत्तों का जूस निकाल कर उसे गुनगुने पानी के साथ पिलाएं। इस उपचार से बच्?चों के पेट के कीड़े तुरंत ही मर जाएंगे।
- 10 ग्राम नींम की पत्तियों का रस और 10 ग्राम शहद को एक साथ मिला लें और बच्चे को दें।
- प्याज का रस भी इसके लिए फायदेमंद होती है। इसे रोज बच्चे को सुबह दो चम्मच दें।
- पुदीना, अदरक, जीरा और काला नमक की चटनी भोजन के साथ खाने से आंत कृमि नष्ट होते है।
- पका अमरूद,पपीता, पपीते के बीज पीसकर, चीकू, आलू बुखारा, केला आदि आंत कृमि की शिकायत वाले बच्चों को खाने को दें।
- इसके अलावा पेट के कीड़े की दवा आती है वो बच्चे को जरूर दें।
ध्यान दें
- नाखूनों को छोटा और साफ रखें।
- सब्जी या फल को खाने से पहले अच्छी तरह धो लें।
- बारिश के मौसम में उबला और छना पानी पियें
- पालतू पशुओं को भी साफ रखें।