शोध: व्यायाम करने से होता है दिमाग तेज़

University of California

नई दिल्ली (आईएएनएस)| शारीरिक गतिविधियों जैसे-चलना, तैराकी, नृत्य और जॉगिंग न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं, बल्कि ये बुजुर्गों में मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को गतिशील कर याददाश्त को भी तेज कर देती हैं। शोध के निष्कर्षों से पता चला है कि उम्र बढ़ने पर स्मृति और मस्तिष्क की गतिविधियों में परिवर्तन अधिकांश व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य स्तर पर निर्भर करता है।

शोध से पता चला कि जिन प्रतिभागियों का फिटनेस स्तर कम रहा, उनकी तुलना में व्यायाम करने वाले प्रतिभागियों का हृदय का फिटनेस स्तर बेहतर मिला, जिससे उनकी स्मरणशक्ति और मस्तिष्क गतिविधियों में भी सुधार हुआ।

अमेरिका स्थित बॉस्टन यूनिवर्सिटी के सहायक प्राध्यापक स्कॉट हेयस ने बताया, “शारीरिक अभ्यास केवल शारीरिक स्वास्थ्य कारकों में ही नहीं, बल्कि स्मरणशक्ति और मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को बेहतर करने में भी योगदान करता है।”

इस शोध के लिए 18 से 31 वर्ष के स्वस्थ युवा और 55 से 74 वर्ष के बुजुर्गों का चयन किया गया था। प्रतिभागियों द्वारा ट्रेडमिल पर चलने और जॉगिंग करने के दौरान शोधकर्ताओं ने उनका कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस का आकलन किया। कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस (सीआरएफ) के परीक्षण में अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों ने अन्य प्रतिभागियों की तुलना में स्मृति संबंधी कार्यो में बेहतर परिणाम दिया।

शारीरिक अभ्यास केवल शारीरिक स्वास्थ्य कारकों में ही नहीं, बल्कि स्मरणशक्ति और मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को बेहतर करने में भी योगदान करता है।

स्कॉट हेयस, सहायक प्राध्यापक, बॉस्टन यूनिवर्सिटी (अमेरिका)

रोज 20 मिनट व्यायाम ज़रूरी

अगर आप अपनी व्यस्त जीवनचर्या में से हर रोज व्यायाम के लिए केवल 20 मिनट निकाल लें तो इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली तो बेहतर होगी ही, गठिया और फिब्रोम्यल्गिा (मांस पेशियों का तेज दर्द) जैसे रोगों से भी दूर रहने में आपको मदद मिलेगी। सैन डिएगो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (यूसी) के वैज्ञानिकों ने पाया है कि सीमित और संतुलित मात्रा में व्यायाम सूजन रोकने में मददगार हो सकता है।

यूसी से संबद्ध सूजी होंग के अनुसार, “हमारे अध्ययन से पता चला है कि ट्रेडमिल पर हल्के व्यायाम से टीएनएफ का उत्पादन करने वाली उत्तेजित प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या पांच प्रतिशत तक घट जाती है।” टीएनएफ कोशिका को संकेत प्रदान करने वाला एक प्रोटीन है, जो शरीर क्रमिक रूप से पैदा होने वाले सूजन के लिए जिम्मेदार होता है। शोधार्थियों के अनुसार, सूजन रोकने के प्रभावों को हासिल करने के लिए जरूरी नहीं है कि कठिन व्यायाम किया जाए। हल्का व्यायाम भी पर्याप्त और प्रभावी नतीजे दे सकता है।

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