लखनऊ। आजकल महिलाओं में बांझपन के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। कई महिलाएं मां बनने वंचित रह जाती हैं। इस समस्या के कई समाधान हैं। योग के जरिए बांझपन की समस्या को दूर किया जा सकता है। योगानंता, स्टूडियो ऑफ योगा की संस्थापक और योग विशेषज्ञ रेखा बता रही हैं कुछ ऐसे योगासनों को जिनसे इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
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बालासन
सबसे पहले वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। दोनों हाथ अपने घुटनों के ऊपर रखें। अब धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकते चालें जाएं। अपने पेट को जंघे से अच्छे से सटा कर रखें और दोनों हाथों को परस्पर आगे की तरफ बढ़ाते जाएं। ध्यान रहे आपके कूल्हे आपकी एड़ियों के ऊपर बनी रहें। इस अवस्था में आप 1 से 2 मिनट तक बने रह सकते हैं।
पश्चिमोत्तानासन
सबसे पहले अपने आसन पर पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं। मेरुदंड एकदम सीधा रखें। स्वास भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं। याद रखें, दोनों हाथ कनपटी से लगी होनी चाहिए। स्वास छोड़ते हुए कूल्हों के जोड़ से झुकें। ठुड्डी पंजों की तरफ मेरुदंड सीधा रखने का प्रयास करें। अपने हाथों को पैरों पर रखें और क्षमतानुसार इसी आसन में बने रहें। स्वास भरते हुए धीरे से सिर को ऊपर उठाएं तथा धीरे धीरे दोनों हाथ नीचे ले आएं। इस तरह से यह एक चक्र पूरा होता है। इसे 3 से 4 बार दोहरा सकते हैं।
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सर्वांगासन
सबसे पहले अपने आसन पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को जंघाओं के पास रखें एवं धीरे धीरे दोनों पैरों को एक साथ पहले 30 डिग्री फिर 60 डिग्री और अंत में 90 डिग्री तक लेकर जाएं। हाथों का दबाव हिप्स पर बनाते हुए अपने पैरों को सिर की ओर लेकर आएं। अपनी हथेलियों से अपनी पीठ को सहारा देके रहें। कोहनियों को आसन से लगा के रखें।
शरीर धीरे-धीरे सीधा करते जाएं और अपनी ठोड़ी को छाती से लगाने का प्रयास करें। क्षमतानुसार आसन में बने रहें। वापस आने के लिए धीरे से पहले 60 डिग्री पर उसके बाद 30 डिग्री और पैर धीरे से आसन पर रखें। ये आसन आप 3 से 4 चक्र कर सकते हैं।
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सेतुबंधासन
सबसे पहले आसन पर अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपने घुटनों को मोड़ लें, घुटनों और पैरों को एक सीध में रखें तथा दोनों पैरों को एक दूसरे से 10-12 इंच दूर रखते हुए फैला ले। दोनों हाथों से अपने दोनों टखने पकड़ लें। सांस लेते हुए, धीरे से अपनी पीठ के निचले मध्य और फिर सबसे ऊपरी हिस्से को ज़मीन से उठाएं।
धीरे से अपने कन्धों को अंदर की ओर लें। बिना ठोड़ी को हिलाये अपनी छाती को अपनी ठोड़ी के साथ लगाएं। इसी आसन में 30 से 40 सेकंड तक बने रहें और सांस छोड़ते हुए आसन से बहार आ जाएं। इस तरह से यह एक चक्र पूरा होता है। सेतुबंधासन को आप 3 से 4 चक्र कर सकते हैं।
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