स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। गर्मी के मौसम में काफी बीमारियों का खतरा रहता है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर संयुक्त जिला अस्पताल की डाइटीशियन डॉ. अर्चना सिंह बताती हैं, ” इस बीमारी में बार-बार उल्टी आना, दस्त आना, पेट में दर्द होना, शरीर में दर्द होना और बुखार का आना प्रमुख लक्षण होते हैं।
इस बीमारी में अक्सर उल्टी और दस्त दोनों होते हैं। एक बार व्यक्ति के दस्त होने पर उसके शरीर में एक ग्लास पानी की कमी होती है। इस तरह लगातार दस्त आने पर शरीर में पानी की कमी हो सकती है जो कि शरीर के लिए काफी हानिकारक हो सकती है।”
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वह आगे बताती हैं, “डायरिया तीन प्रकार का होता है वायरल, बैक्टीरियल और प्रोटोजोअल, पहला वाला वायरस से होता है, जोकि ज्यादातर बच्चों में होता है यह ज्यादा खतरनाक नहीं होता है। दूसरा बैक्टीरिया से और तीसरा अमीबा से होता है। दूसरा और तीसरा काफी हानिकारक होते हैं।”
गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा डायरिया का खतरा रहता है। डायरिया जीवाणुओं और वायरस की वजह से होती है।
डॉ. अर्चना सिंह , डाइटीशियन, डॉ. भीमराव अम्बेडकर संयुक्त जिला अस्पताल
डॉ. अर्चना बताती हैं, “डायरिया से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसके लिए पानी का सेवन अधिक से अधिक करें। जितना ज्यादा हो सके पानी वाले फल और सब्जी जैसे ककड़ी, खीरा, तरबूज, नारियल का प्रयोग करें। नमक और पानी का घोल पिएं। बाहर का पानी कम पिएं। धूप से कहीं भी जाने पर ज्यादा ठंडा पानी न पिएं, ठंडे पानी से धूप से आने के बाद चेहरा न धुलें। डायरिया से बचाव के लिए बाहर के खाने से दूर रहें। बाहर की चीज खाने से परहेज करें।”
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