सेहत की रसोई: याददाश्त बेहतर बनाने के लिए खाएं खोपरा पाक या नारियल पाक

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सेहत की रसोई: याददाश्त बेहतर बनाने के लिए खाएं खोपरा पाक या नारियल पाकखोपरा पाक।

ऐसा माना जाता है कि स्वस्थ और सेहतमंद भोजन और व्यंजनों को परोसा जाए तो इसे खाने वाले की सेहत तो बेहतर होती ही है साथ ही उनके घर से दवाओं की विदाई भी तय हो जाती है। यदि आपका खान-पान दुरुस्त और संतुलित है तो तो रोगों से दूर दूर तक आपका कोई लेना देना नहीं होगा।

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रसोई में भोज्य पदार्थों को बनाते समय बेवजह ज्यादा तेल, घी या अन्य पदार्थों के सेवन से आपकी सेहत भी बिगड़ सकती है और ऐसे में हमारे एक्सपर्ट्स का मानना है कि सही तरीकों से तैयार रेसिपी सेहत बेहतर करने में जरूर मदद करती है और इसी सोच के साथ इस कॉलम को आप सभी पाठकों तक लाया जाता है।

सेहत की रसोई में इस सप्ताह हमारे मास्टरशेफ भैरव सिंह राजपूत पाठकों के लिए ला रहे हैं एक बेहतरीन रेसिपी। भैरव इस सप्ताह खोपरा पाक तैयार करने की विधि बता रहें हैं और इस रेसिपी के औषधीय गुणों की वकालत करेंगे हमारे अपने हर्बल आचार्य यानि डॉ. दीपक आचार्य-

आवश्यक साम्रगी-

250 ग्राम नारियल कीस या नारियल का सफेद चूरा, 200 ग्राम काला गुड़

50 ग्राम बादाम , 50 ग्राम पिस्ता, 100 मिली पानी, 5 काली मिर्च, 1 चम्मच इलायची के दानों का चूर्ण

विधि-

एक बड़े बर्तन में 100 मिली पानी लिया जाए और इसे उबालने के लिए रख दें। जब पानी थोड़ा गर्म होने लगे, इस पानी में गुड़ डाल दें। कुछ समय में गुड़ इस गर्म पानी में घुलने लगेगा और गुड़ की चासनी तैयार होने लगेगी। खौलती चासनी में नारियल का चूरा जिसे कीसनी भी कहा जाता है, डाल दिया जाए और इसी में इलायची की बताई हुई मात्रा वाला चूर्ण भी मिला दिया जाए और अच्छी तरह मिला दिया जाए और कुछ देर पकने दिया जाए। दूसरी तरह बादाम और पिस्ता को बारीक बारीक टुकड़ों में काट लिया जाए और इसी चासनी में इन्हें डालकर अ़च्छी तरह से मिलाया जाए। कुछ देर बाद सारे मिक्चर को किसी चपटे बर्तन या बड़ी थाल में उडे़ल लिया जाए, इसे अच्छी तरह से समान रूप से बर्तन में फैला दिया जाए और इस मिश्रण को ठंडा होने दिया जाए। आप चाहें तो इस पर ऊपर के हिस्से पर सिल्वर लीफ या चांदी का वर्क भी लगा सकते हैं। जब यह पूरी तरह ठंडा हो जाए तो इसे चाकू की मदद से मनचाहे आकार में काटकर तैयार कर सकते हैं। इस तरह तैयार हो जाएगा स्वाद से भरपूर और सेहत के लिए खास नारियल पाक।

क्या कहते हैं हर्बल आचार्य ?

नारियल की कीस या नारियल बुरादा वास्तव में नारियल के पके तैयार फल की गिरी से तैयार किया जाता है और मजे की बात है कि ये नारियल गिरी कोकोनट मिल्क के परिपक्व होने के बाद बनती है। कोकोनट मिल्क का नाम सुना है आपने? अरे नारियल की मलाई, कच्चे पानी वाले नारियल के अन्दर सफेद नर्म मलाई होती है, कई लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं, मैं तो इसे खाने से कभी चूकता भी नहीं। इस मलाई में 25% वसा होती है इस वसा का लगभग 65% हिस्सा एमसीटी (Medium Chain Triglycerides) होता है यानि ये वो वसा नहीं जिसकी दहशत में आधे लोग कई खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। एमसीटी हमारी शरीर की पूरी सेहत और खास तौर से मस्तिष्क के लिए बेजा खास होते हैं। सन 2004 में "न्यूरोबॉयोलोजी ऑफ एजिंग" जर्नल की एक शोध रिपोर्ट में प्रकाशित इस क्लिनिकल शोध रिपोर्ट में बताया गया करीब 20 बुजुर्गों को एमसीटी (40 मिली) की सिर्फ एक डोज़ दी गयी और पाया गया कि इन तमाम बुजुर्गों के मानसिक क्रियाकलापों और याददाश्त में कमाल की तेजी आई। ये डो़ज़ कोई महीनों, दिनों या घंटों तक नहीं दिया गया, ये डो़ज़ सिर्फ एक बार का था। एमसीटी का इतना प्रभाव और वो भी इतनी त्वरित गति से, क्या आपको कुछ सोचने पर बाध्य नहीं कर रहा? नारियल की गिरि में भी एमसीटी पाया जाता है। मैं तो मानता हूं कि रोज नारियल पानी, नारियल की गिरी और खासतौर से नारियल की मलाई रोज खाने से याददाश्त बेहतर होती है। भैरव की इस रेसिपी में नारियल गिरी के चूरे का जिक्र है, गुड़ की बात कही गयी है, ये दोनो हमारी तंदुरुस्ती के लिए खास हैं। मेरी राय है कि इस तरह के स्वस्थ व्यंजनों को अक्सर बनाया जाना चाहिए, आखिर सवाल आपके पूरे परिवार की सेहत का है।

       

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