लखनऊ के कपूरथला इलाके में एक हॉस्टल में रहने वाली सरबत अंसारी को सर्दी के मौसम में एलर्जी की समस्या रहती थी। इस एलर्जी से उनकी नाक बंद हो जाती थी जिससे उन्हें बहुत तकलीफ होती थी। सरबत की एक सहेली ने सलाह दी कि उन्हें बंद नाक को खोलने के लिए नेज़ल स्प्रे का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे काफी राहत मिलती है। बस फिर क्या था सरबत बाज़ार गईं और मेडिकल स्टोर से एक नेज़ल ड्रॉप ले आईं। पहले वह दिन में एक या दो बार इसको यूज़ करती थीं लेकिन धीरे – धीरे सरबत को इसकी आदत हो गई। जब भी नाक बंद होती वह इसका इस्तेमाल कर लेतीं और उनकी बंद नाक खुल जाती। इसके असर से सरबत को साइनस हो गया।
आजकल बाज़ार में कई फार्मास्युटिकल कंपनियों के नेज़ल ड्रॉप मिल रहे हैं। बंद नाक को खोलने का काम ये चुटकियों में कर देते हैं। सर्दियों में जुकाम की समस्या बढ़ जाती है और नाक बंद होने की भी इसलिए इनका इस्तेमाल भी बढ़ जाता था। पहले जहां लोग बंद नाक को खोलने के लिए गर्म पानी का बफारा लेते थे वहीं अब उनका काम नेज़ल स्प्रे ने आसान कर दिया है। इसीलिए इनका बाज़ार तेज़ी से बढ़ा है लेकिन ये जानना भी ज़रूरी है कि इनके कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं।
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वेबसाइट वेबएमडीडॉटकॉम के मुताबिक इन स्प्रे में कुछ ऐसे रसायनों का इस्तेमाल होता है जो रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देते हैं, जिससे बंद नाक खुल जाती है। क्योंकि इनका इस्तेमाल सीधे नाक में किया जाता है इसलिए इनसे तुरंत फायदा मिलता है। कुछ दिनों बाद रक्त वाहिकाएं इन रसायनों की आदी हो जाती हैं और इन पर इसका असर होना कुछ कम हो जाता है, आप इन स्प्रे का इस्तेमाल करते रहते हैं और आपकी समस्या बढ़ती जाती है। कुछ मामलों में तो व्यक्ति समझ जाता है कि अब इन स्प्रे ने फायदा करना बंद कर दिया है लेकिन कुछ लोग जो इनके आदी हो जाते हैं वे लंबे समय तक इन्हें यूज़ करते रहते हैं। इसीलिए इसकी बॉटल पर ये भी लिखा होता है कि 3 से 5 दिनों से ज़्यादा इस्तेमाल न करें लेकिन जब बीमार व्यक्ति को इससे फायदा मिलता है तब वो इस चेतावनी की ओर ध्यान देना छोड़ देता है।
लखनऊ के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. राहुल क्वात्रा बताते हैं ज़्यादा दिनों तक नेज़ल स्प्रे का इस्तेमाल करने से धीरे – धीरे ये असर करना बंद कर देता है और इससे कोई फायदा भी नहीं होता। इनके अधिक इस्तेमाल के कई दुष्प्रभाव भी होते हैं जो हर व्यक्ति में अलग – अलग हो सकते हैं। डॉ. राहुल कहते हैं कि इन दवाओं का इस्तेमाल करना गलत नहीं है लेकिन बिना डॉक्टर का परामर्श लिए इस्तेमाल करना ख़तरनाक हो सकता है।
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आगरा के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. राकेश सिंघल बताते हैं ये एक तरह का रिबाउंड फिनोमिना होता है। किसी भी दवा को हद से ज़्यादा इस्तेमाल करने से नुकसान होते हैं ऐसा ही इस मामले में भी होता है। आप जितना ज़्यादा इस स्प्रे का इस्तेमाल करेंगे कंडीशन उतनी ही ज़्यादा ख़राब हो जाएगी। इससे क्रोनिक साइनाइटिस भी हो सकती है।
अगर दिखते हैं ये लक्षण तो डॉक्टर से लें सलाह
नेज़ल स्प्रे का लगातार इस्तेमाल करने से कुछ ऐसे लक्षण दिखते हैं जो अगर आपके सामने आएं तो आपको भी सावधान होने की ज़रूरतर है।
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- ब्लड प्रेश बढ़ना
- चक्कर आना
- बेहोशी
- सिरदर्द
- धड़कनों का बढ़ना या हल्का होना जैसी लक्षण दिख सकते हैं।
डॉक्टर से करें सम्पर्क
अगर आपको इस तरह के कोई लक्षण दिखते हैं तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और याद रखें कि किसी भी तरह का इस्तेमाल बिना डॉक्टर के परामर्श के न लें।