कुपोषण से निपटने के लिए सूक्ष्म पोषकों की कमी को नियंत्रित करना अनिवार्य 

कुपोषण

नई दिल्ली (भाषा)। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने रविवार को कहा कि कुपोषण के खिलाफ सरकार की लड़ाई में सूक्ष्म-पोषकों की कमी को नियंत्रित करना ‘‘अनिवार्य” हिस्सा है और लोगों की पोषक तत्वों की जरुरतों पर खरा उतरने के लिए खाद्यान्न में पोषकों की मात्रा को बढ़ाना ‘‘प्रभावी” रणनीति है।

सरकार की लड़ाई का महत्वपूर्ण हिस्सा

पटेल ने कहा, ‘‘सूक्ष्म पोषकों की कमी को नियंत्रित करना भूख और कुपोषण के खिलाफ सरकार की लड़ाई का महत्वपूर्ण हिस्सा है। खाद्यान्न में पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाना समाज के सभी तबकों की पोषक जरुरतों को पूरा करने का प्रभावी तरीका साबित हुआ है, विशेष रुप से गरीबों, वंचित तबका और गर्भवती महिलाएं और बच्चों जैसे संवेदनशील तबके में।” वह नेशनल सम्मिट ऑन फोर्टिफिकेशन ऑफ फूड के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं। सम्मेलन में उपभोक्ता मामलों, खाद्यान्न और नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान भी मौजूद थे।

तय करता है पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने का मानदंड

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने खाद्यान्नों में पोषक तत्वों की मात्रा बनाने को लेकर ‘खाद्य संरक्षा और मानक विनियमन, 2016′ शीर्षक से विस्तृत नियमावली तैयार की है। यह नियमावली खाद्यान्न में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के मानदंड तय करता है और ऐसे खाद्यान्न के उत्पादन, विनिर्माण, आपूर्ति, बिक्री और उपभोग को बढ़ावा देता है।

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