सर्दियों का मौसम आ गया है और इससे बचने के लिए कई सारे गर्म कपड़े पहनते हैं कि उन्हें सर्दी न लगे लेकिन शरीर को अंदरूनी गर्मी की भी जरूरत होती है जिसके लिए आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। शरीर में यदि अंदर से खुद को मौसम के हिसाब से ढालने की क्षमता हो तो ठंड कम लगेगी और कई बीमारियां भी नहीं होंगी।
इस मौसम में खानपान कैसा हो इस बारे में पोषाहार विशेषज्ञ डाॅ सुरभि जैन बता रही हैं–
बाजरा
बाजरा एक ऐसा अनाज है जो शरीर को सबसे ज्यादा गर्मी देता है। सर्दी के दिनों में बाजरे की रोटी बनाकर खाएं। छोटे बच्चों को बाजरा की रोटी जरूर खाना चाहिए। दूसरे अनाजों की अपेक्षा बाजरा में सबसे ज्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है। बाजरा में शरीर के लिए आवश्यक तत्व जैसे मैग्नीशियम,कैल्शियम,मैग्नीज, ट्रिप्टोफेन, फाइबर, विटामिन- बी, एंटीऑक्सीडेंट आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
बादाम
बादाम कई गुणों से भरपूर होते हैं। अक्सर माना जाता है कि बादाम खाने से याददाश्त बढ़ती है, लेकिन यह ड्रायफ्रूट अन्य कई रोगों से हमारी रक्षा भी करता है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है, जो सर्दियों में सबसे बड़ी दिक्कत होती है। बादाम में डायबिटीज को निंयत्रित करने का गुण होता है। इसमें विटामिन – ई भरपूर मात्रा में होता है।
अदरक
रोजाना के खाने में अदरक शामिल कर बहुत सी छोटी-बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है। सर्दियों में इसका किसी भी तरह से सेवन करने पर बहुत लाभ मिलता है। इससे शरीर को गर्मी मिलती है और पाचनतंत्र भी सही रहता है।
मूंगफली
मूंगफली में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनिरल्स आदि तत्व बेहद फायदेमंद होते हैं। मूंगफली को गरीबों का बादाम कहा जाता है। सर्दियों में ये काफी फायदेमंद है।
शहद
शरीर को स्वस्थ, निरोग और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए शहद को आयुर्वेद में अमृत भी कहा गया है। यूं तो सभी मौसमों में शहद का सेवन लाभकारी है, लेकिन सर्दियों में तो शहद का उपयोग विशेष लाभकारी होता है। इन दिनों में अपने भोजन में शहद को जरूर शामिल करें। इससे पाचन क्रिया में सुधार होगा और इम्यून सिस्टम पर भी असर पड़ेगा।
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सब्जियां
अपनी खुराक में हरी सब्जियों का सेवन करें। सब्जियां, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और गर्मी प्रदान करती है। सर्दियों के दिनों में मेथी, गाजर, चुकंदर, पालक, लहसुन बथुआ आदि का सेवन करें। इनसे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
तिल
सर्दियों के मौसम में तिल खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। तिल के तेल की मालिश करने से ठंड से बचाव होता है। तिल और मिश्री का काढ़ा बनाकर खांसी में पीने से जमा हुआ कफ निकल जाता है। तिल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे, प्रोटीन, कैल्शियम, बी कॉम्प्लेक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि। प्राचीन समय से खूबसूरती बनाए रखने के लिए तिल का उपयोग किया जाता रहा है।
इन बीमारियों का खतरा सर्दियों में ज्यादा
अस्थमा
यह एक एलर्जिक बीमारी है। जिन लोगों को यह बीमारी होती है, इस मौसम में उनकी तकलीफ बढ़ जाती है। सर्दियों में कोहरा बढ़ जाता है। एलर्जी के तत्व इस मौसम में कोहरे की वजह से आसपास ही रहते हैं, हवा में उड़ते नहीं हैं। इन तत्वों से अस्थमा के रोगियों को अधिक तकलीफ होती है। इस कारण इस मौसम में ऐसे लोगों के लिए धूल-मिट्टी से बचना बहुत जरूरी है। दवा खा रहे हैं तो उसे नियमित रूप से लें। कोई दवा चूकें नहीं, क्योंकि ऐसे में एलर्जेट अटैक कर सकते हैं।
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हाइपोथर्मिया
सर्दियों में अगर शरीर का ताप 34-35 डिग्री से नीचे चला जाए तो उसे हाइपोथर्मिया कहते हैं। इसमें हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं, सांस लेने में तकलीफ होती है। हार्ट बीट बढम् जाती है, बीपी कम हो जाता है। अगर शरीर का तापमान कम हो जाए तो मृत्यु भी हो सकती है। तेज ठंड का सामना न करें।
टॉन्सिलाइटिस
बच्चों में पाई जाने वाली यह आम समस्या भी टॉन्सिल में संक्रमण के कारण होती है। गले में काफी दर्द होता है। खाना खाने में दिक्कत होती है, तेज बुखार भी हो सकता है। यह बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण से हो सकता है। इससे बचे रहने के लिए इस मौसम में ठंडी चीजों का प्रयोग करने से बचें। गर्म भोजन और गुनगुने पानी का प्रयोग करें।
हाई ब्लड प्रेशर
सर्द हवाओं से बचने के लिये हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी से पीड़ित लोग थोड़ा एलर्ट रहना चाहिए क्योंकि यह मौसम उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। डाॅक्टरों के अनुसार सर्दी में हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिये सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि ठंड की वजह से पसीना नहीं निकलता और शरीर में नमक का स्तर बढ़ जाता है जिससे ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है