आर्थराइटिस जोड़ों की बीमारी है जो कि ज्यादातर घुटनों में होती है। पहले यह बीमारी 45 वर्ष की उम्र के बाद या बुजुर्गों में देखी जाती थी लेकिन अब यह युवाओं और बच्चों को भी होने लगी है। आर्थराइटिस के बारे में जानकारी दे रहे हैं किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अजय सिंह।
डॉ अजय सिंह बताते हैं, “पहले सारी वो बीमारियां जो बुजुर्गों में हुआ करती थी अब वो युवाओं और फिर बच्चों में देखने को मिल रही है। आर्थराइटिस एक जोड़ों की बीमारी है। यह शरीर के किसी भी जोड़ में हो सकती हैं। यह दो प्रकार की होती है एक में अंग टेढ़ा हो जाता है। इस बीमारी में ज्यादा लापरवाही नहीं करनी चाहिए। ज्यादा देर बैठने पर या फिर सुबह सोकर उठने पर अगर जोड़ों में अकड़न रहती है तो यह आर्थराइटिस हो सकता है। यह अगर सात दिनों तक लगातार रहता है तो हड्डी रोग विशेषज्ञ से मिलना आवश्यक होता है। शरीर के किसी भी जोड़ में दर्द और जकड़न और जोड़ों से आवाज आना आर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण हैं। बाद के चरणों में चलने-फिरने में कठिनाई होती है और जोड़ों में विकृतियां भी आ सकती हैं।”
“शुरुआत में व्यक्ति नॉन क्वालीफाइड चिकित्सक से अपना इलाज करवाने लगते हैं जो हालत को बहुत खराब कर देता है। अर्थराइटिस का सबसे बड़ा कारण लाइफस्टाइल में बदलाव है। इस बीमारी को दवाइयों से कम सही किया जा बल्कि लाइफस्टाइल में बदलाव और व्यायाम से सही किया जा सकता है।” डॉ सिंह ने बताया।
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भारत में 15 करोड़ से अधिक लोग घुटने की समस्याओं से पीड़ित हैं, जिनमें से 4 करोड़ लोगों को घुटना बदलवाने (टोटल नी रिप्लेसमेंट) की जरूरत है। एक रिपोर्ट के अनुसार, हमारे देश में हर छह में से एक व्यक्ति आर्थराइटिस से पीड़ित है। आर्थर्राइटिस की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक सामान्य है।
बच्चों में अर्थराइटिस प्रदूषण के कारण
बच्चों में आर्थराइटिस बढ़ने के कारण के बारे में डॉ सिंह ने बताया, “यह देखा गया है कि तेजी से प्रदूषण फैलने की वजह से गर्भवती महिलाओं में अनुवांशिक कुछ कमियां आ जाती है, जिसके कारण बच्चों में यह बीमारी फ़ैल रही है।”
अर्थराइटिस के कारण
अर्थराइटिस का मुख्य कारण है, हमारी आरामतलब जीवनशैली, धुम्रपान और कंप्यूटर पर बैठकर घंटों काम करना, खाने में जरूरी पौष्टिक तत्वों की कमी। इसके अलावा जंक फूड का सेवन, व्यायाम की कमी आदि के कारण इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
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अर्थराइटिस के लक्षण
शुरूआत में अर्थराइटिस के खास लक्षण नहीं होते हैं। अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। कुछ प्रकारों जैसे – रूमेटाइटड अर्थराइटिस में सुबह के वक्त यह दर्द बहुत बढ़ जाता है। कुछ मामलों में अर्थराइटिस का दर्द असहनीय हो जाता है। इसके कारण चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है। मानसून और ठंड के वक्त भी इसका दर्द बढ़ जाता है।