लखनऊ। दुनिया का पहला मलेरिया का टीका अफ्रीकी देश मलावी में लॉन्च कर दिया गया है। दुनिया भर में हर साल 4,35,000 को मौत के मुंह में ले जाने वाली इस जानलेवा बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए पिछले 30 वर्षों से इस टीके को लाने के प्रयास चल रहे थे। यह टीका पांच महीने से दो साल तक के बच्चों के लिए विकसित किया गया है।
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर टेड्रो अदनोम घेब्रेयियस ने कहा, ” हमने पिछले 15 सालों में मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय निकाले लेकिन कुछ नहीं हुआ। हमें मलेरिया की प्रतिक्रिया को ट्रैक पर लाने के लिए नए समाधानों की आवश्यकता है और यह नया टीका हमें वहां पहुंचने के लिए एक आशाजनक उपकरण देता है। मलेरिया वैक्सीन में हजारों बच्चों को बचाने की क्षमता है।”
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‘s first #Malaria vaccine pilot is launched in #Malawi, the first country in Africa to roll out this landmark vaccine, known as RTS,S. The vaccine will be available to children from 5 months old to 2 years. https://t.co/EWv4KXu1Vz pic.twitter.com/KzRKbdqHXW
— World Health Organization (WHO) (@WHO) April 23, 2019
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलावी सरकार के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का स्वागत किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने काफी पहले अफ्रीकी महाद्वीप में दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इस टीके को लाने की घोषणा की थी। डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर इसे लाया जाएगा। विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है।
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इस टीके की लॉन्चिंग बच्चों को मलेरिया से बचाने के लिए शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस टीके का नाम RTS,S रखा गया है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि अफ्रीकी महाद्वीप के दो देशों घाना और केन्या में इस टीके की लॉन्चिंग अगले कुछ हफ्तों में होगी। बता दें कि दुनिया की इस घातक बीमारी से हर मिनट में दो बच्चों की मौत हो जाती है।
30 years in the making, RTS,S is the first, and to date the only, vaccine that has demonstrated it can significantly reduce #malaria in children. https://t.co/EWv4KXu1Vz pic.twitter.com/KafTt9ntw5
— World Health Organization (WHO) (@WHO) April 23, 2019
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में पूरी दुनिया में सामने आए मलेरिया के कुल मामलों में से 80 प्रतिशत मामले भारत और 15 उप सहारा अफ्रीकी देशों से थे। साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि भारत में 1.25 अरब लोग इस मच्छर जनित बीमारी की चपेट में आने की कगार पर थे। हालांकि डब्ल्यूएचओ की 2018 के लिए विश्व मलेरिया रिपोर्ट में एक सकारात्मक बात भी कही गई है, जिसके मुताबिक भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसने 2016 के मुकाबले 2017 में मलेरिया के मामलों को घटाने में प्रगति की है।
इसमें कहा गया कि विश्व भर में मलेरिया के करीब आधे मामले पांच देशों से सामने आए, जिनमें नाइजीरिया (25 प्रतिशत), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (11 प्रतिशत), मोजाम्बिक (पांच प्रतिशत) और भारत एवं युगांडा से चार-चार फीसद मामले देखे गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिला कर विश्व भर में मलेरिया के 80 प्रतिशत मामले 15 उप सहारा अफ्रीकी देशों और भारत से थे। भारत में 1.25 अरब लोगों पर मलेरिया की चपेट में आने का जोखिम था।
इनपुट: भाषा