सहफसली खेती से किसान कमा रहे हैं मोटा मुनाफ़ा
गाँव कनेक्शन 12 March 2016 5:30 AM GMT

अरुण मिश्रा
बिशुनपुर (बाराबंकी)। बाराबंकी के किसानों को केले की खेती खूब भा रही है यहां के किसान परम्परागत खेती को छोड़कर केले की खेती को अपना रहे हैं, जिससे बाराबंकी केले की खेती का गढ़ बनता जा रहा है।
बाराबंकी जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर गंगापुर गाँव के अश्विन कुमार (42 वर्ष) पेशे से अध्यापक हैं। वो इन दिनों 12 बीघे खेत में केला, सेम और टमाटर की खेती कर रहे है। अश्विन बताते हैं, “अगस्त माह में हमने केले की फसल लगाई थी। हमने फसल के साथ सेम व फूलगोभी भी बो दी थी, जिसमे गोभी की फसल खोद कर बाज़ार में बेचने के बाद उसमें अक्टूबर में फिर टमाटर लगा दिया, जो इस समय तैयार है।”
इसी तरह जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर सिसवारा गाँव में भी कई किसान दोहरी फसल ऊगा रहे है। यहां के किसान गन्ने के साथ सरसों चना मटर जैसी फसलों को उगाकर लाभ कमा रहे हैं। सिसवारा गाँव के किसान रामकेत मिश्र बताते हैं, "हम लोग गन्ने के साथ साथ मटर, सरसों और चना की फसल ले रहे है। इससे एक फ सल की लागत में दूसरी फसल भी मिल जाती है।"
सहफसली खेती के बारे में उद्यान विभाग बाराबंकी के अधिकारी जयकरन बताते हैं, "जिले में फिलहाल किसी भी सहफसली खेती को प्रोत्साहन देने लिए सरकार की तरफ से कोई योजना नहीं चल रही है पर अगर इस प्रकार की योजना सरकार चलाती है, तो उसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।"
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