सीएम अखिलेश यादव को खत लिखने वाली छात्रा के गाँव का होगा विकास

Arvind ShukklaArvind Shukkla   24 March 2016 5:30 AM GMT

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सीएम अखिलेश यादव को खत लिखने वाली छात्रा के गाँव का होगा विकासGaon Connection

लखनऊ। मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर गाँव में सड़क और शौचालय बनवाने की अपील करने वाली छात्रा की समस्याएं जल्द खत्म हो सकती हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम फतेहपुर ने गाँव के संबंध में रिपोर्ट भेज दी है।

एसडीएम फतेहपुर सुनील कुमार वर्मा बताते हैं, “खत लिखने वाली छात्रा रीशू यादव के गाँव पुरवा भूड की रिपोर्ट बना कर जिलाधिकारी को भेज दी गई है। शौचालय और सड़क का काम जल्द शुरू कराया जा सकता है। आवासों के संबंध में बजट के लिए भी लिखा गया है।”

मुख्यमंत्री ऑफिस में सोशल मीडिया के प्रभारी जीएस नवीन कुमार (आईएएस) बताते हैं, जब भी सोशल मीडिया पर या मुख्यमंत्री को कोई चिट्ठी लिखता है, हम लोग उस पर तुरंत कार्रवाई शुरू करते हैं। मुख्यमंत्री जी खुद भी चीजों पर लगातार नजर रखते हैं।”

बाराबंकी जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर उत्तर दिशा में ब्लॉक सूरतगंज के सिवली ग्राम पंचायत की पुरवा भूड निवासी रीशू यादव ने अपने गाँव की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी। छात्रा की लिखी चिट्ठी को ‘गाँव कनेक्शन’ ने न सिर्फ अख़बार में प्रकाशित की बल्कि अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर भी पोस्ट की थी। गाँव कनेक्शन के फाउंडर नीलेश मिसरा के ट्वीटर हैंडल पर मुख्यमंत्री कार्यायल के अधिक्रत ट्वीटर हैंडल @CMOfficeUP से ट्वीट कर बताया गया कि डीएम बाराबंकी स्वयं इस विषय को देखेंगे।

इस बारे में बात करने पर बाराबंकी के जिलाधिकारी अजय यादव ने गाँव कनेक्शन को फोन पर बताया, "मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देश मिलने के बाद एसडीएम फतेहपुर को छात्रा की शिकायतों और गाँव में समस्याओं के जांच की जिम्मेदारी दी गई थी।"

रीशू यादव ने गाँव कनेक्शन को बताया, "कुछ लोग गाँव आए थे बहुत सारी बातें पूछ रहे थे। बोल रहे थे कि जल्द तुम्हारी समस्याएं सुलझाई जाएंगी।" रीशू का स्कूल त्रिदेव बाल विद्या मंदिर गाँव कनेक्शन के स्वयं प्रोजेक्ट से जुड़ा है। स्कूल के प्रधानाचार्य अंकुर भयहरण ने गाँव कनेक्शन को धन्यवाद देते हुए कहा, “स्वयं प्रोजेक्ट और आपके अख़बार के जरिए ग्रामीण इलाके के छात्र-छात्राओँ को अपनी बात करने का मंच मिल गया है।”

सोशल साइट्स बनी मन की बात कहने का जरिया

फेसबुक, ट्वीटर के माध्मय से लोगों की उठाई गई आवाज़ पर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री ने तत्काल कार्रवाई की है। साथ ही आम लोगों के लिखे खतों पर भी कार्रवाई होती रही हैं। 

1- बांदा के किसान देवराज 40 वर्षों से एक पैर से खेती कर रहे थे। सोशल साइट्स के माध्यम से बात मुख्यमंत्री तक पहुंची तो न सिर्फ देवराज को एक पैर लगवाया गया बल्कि पांच लाख की आर्थिक मदद भी दी।

2- नोएडा के सिटी सेंटर के बाहर एक मासूम बच्चा वजन तौलने वाली मशीन लेकर बैठता था क्योंकि उसके पास स्कूल के प्रोजेक्ट के लिए पैसे नहीं थे, बात सीएम तक पहुंची तो उसकी पढ़ाई का पूरा जिम्मा सरकार ने ले लिया।

3- बस्ती में रहने वाली चार साल की मासूम रेनू के सिर में ट्यूमर था। ट्यूमर के भार से उसका सिर पीछे की ओर झुक गया था। सोशल साइट्स से बात लखनऊ तक पहुंची तो मासूम बच्ची का ऑपरेशन करवाया गया। रेनू को नई जिंदगी मिल गई।

4- ट्रेन में अपने बच्चे के लिए एक शख्स ने दूध की दिक्कत होने पर सीधे रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट किया था। जिसके बाद उस बच्चे के लिए अगले स्टेशन पर दूध का इंतजाम हो गया था।

5- उन्नाव के एक छात्र को स्कूल जाने के लिए रेलवे लाइन पार करनी पड़ती थी। रास्ते में फाटक न होने उसे काफी दिक्कत होती थी। इस बच्चे ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा था। बच्चे की चिट्टी पर प्रधानमंत्री कार्यालय हरकत में आया तो रेलवे ने तुरंत काम शुरू करा दिया।

 

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