महिलाओं को चाहिए पितृसत्ता से अाज़ादी, पुरुष भी दे रहे खुलकर साथ
Anusha Mishra 12 Aug 2017 12:35 PM GMT

भारत को अंग्रेज़ों की हुकूमत से आज़ादी मिले 15 अगस्त को 70 साल हो जाएंगे लेकिन देश की ज़्यादातर महिलाओं को लगता है कि अभी भी पितृसत्ता से आज़ादी नहीं मिल पाई है। उन्हें लगता है कि वे अभी भी पुरुषवादी मानसिकता के शिकार समाज में रहने को मज़बूर हैं। महिलाओं को दिक्कत है इस बात से कि उनके खाने, पहनने, घर से निकलने हर चीज़ पर पुरुषों का पहरा है और यही बात है जो उन्हें नागवार गुज़र रही है। देश की इसी पुरुषवादी मानसिकता को चुनौती देने के लिए महिलाओं का हुजूम टीम मसूका (मानव सुरक्षा कानून) 14 अगस्त की रात 11.30 बजे दिल्ली के जंतर मंतर पर इकट्ठा हो रहा है।
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देश की कई महिलाएं इसके लिए सोशल मीडिया पर #AzadiFromPatriarchy के साथ महिलाओं से अपील कर रही हैं कि वे जंतर मंतर पर इकट्ठा हों। इस समय सोशल मीडिया पर ये हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। देश की तमाम महिलाएं #AzadiFromPatriarchy के साथ ट्वीट कर रही हैं। इन महिलाओं का कहना है कि महिलाओं भी समाज में बराबरी की नागरिक हैं। उन्हें इस बात का अधिकार है कि वे तय कर सकें कि उन्हें क्या पहनना है, किससे प्यार करना है और कब बाहर जाना है। कोई भी पुरुष या नेता उन पर उंगली नहीं उठा सकता।
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इस बारे में ट्वीट करते हुए दीपाली द्विवेदी लिखती हैं - समाज की एक ऐसी व्यवस्था जिसमें पुरुष शक्ति रखते हैं और महिलाओं को काफी हद तक बाहर रखा जाता है... इस तरह का भेदभाव क्यों?
a system of society in which men hold the power and women are largely excluded from it..Why this distinction .???#AzadiFromPatriarchy
— Deepali Dwivedi (@Deepali_Dwivedi) August 11, 2017
गुंजन कपूर ने अपनी फेसबुक पोस्ट में सीता जी को शामिल करते हुए लिखा - जय सिया राम से जय श्री राम तक। सिया के लिए वास्तव में यह यात्रा कठिन और दर्दनाक रही। सिया मांगे - पितृसत्ता से आज़ादी।
दादू नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा - महिलाएं भी समान नागरिक हैं और उनके भी समान अधिकार हैं। फिर वे हम पर शर्तों के हुकुम क्यों चलाते हैं। हमें पितृसत्ता से आज़ादी चाहिए।
Women are equal citizens & have equal rights..Why do they dictate terms on us.. we want #AzadiFromPatriarchy @tehseenp @shehzad
— Dadu (@bmd315) August 11, 2017
विद्या सिंह ने फेसबुक पर लिखा - एक महिला पैंट भी पहने या स्कर्ट, शॉर्ट पहने या साड़ी ये उसकी पितृसत्ता से आज़ादी है और इस स्वतंत्रता दिवस पर भारत की महिलाएं इसे लेकर रहेंगी।
आयशा जैन ने ट्वीट किया - ये वक्त है जंतर मंतर पर 14 अगस्त की रात 11.30 बजे महिलाओं के लिए हो रहे है इस आंदोलन का समर्थन करने का।
Time to support this movement at Jantar Mantar 14th Aug 23.30 hours with @tehseenp @Shehzad_Ind for women
— Aysha Jain (@Ayshajain24) August 11, 2017
#AzadiFromPatriarchy
हैप्पी गो लकी नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा - ये महिलाओं और लड़कियों का भी देश है, अब हमें भी पहनने, खाने और पीने की आज़ादी चाहिए।
#AzadiFromPatriarchy its a country of women and girls also , now we need freedom from what we wear, eat, drink
— happy_go_lucky (@gurjeet_chhabra) August 11, 2017
@tehseenp @shehzad pic.twitter.com/0fEZOkd5O7
लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता साध्वी खोसला ने एक ट्वीट किया - भारत अपनी आजादी के 70 वर्षों का जश्न मनाने के लिए तैयार हो रहा है लेकिन हम भारत की महिलाएं अभी भी पितृसत्ता से आज़ादी पाने का इंतज़ार कर रही हैं।
India gearing up to celebrate 70 years of her independence but we the women of India are still waiting to get #AzadiFromPatriarchy pic.twitter.com/CQY1bda6cg
— Sadhavi Khosla (@sadhavi) August 11, 2017
साधवी खोसला ने वीडियो मैसेज के साथ एक और ट्वीट करते हुए लिखा - मेरे वीडियो संदेश सभी महिलाओं को समर्पित हैं। हमें क्या पहनना है, क्या खाना है और कहां जाना है ये कोई दूसरा तय नहीं कर सकता।
My video message dedicated to all the women. Nobody should dictate us on what to wear, what to eat and where to go #AzadiFromPatriarchy pic.twitter.com/oe4ivz80sm
— Sadhavi Khosla (@sadhavi) August 11, 2017
कॉलमिस्ट तहशीन पूनावाला ने लिखा - हमें अपनी महिलाओं को यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि उन्हें क्या पहनना है, क्या खाना है और कहां जाना है।
Our women will not be told who to love or what to wear or what to eat or drink. #AzadiFromPatriarchy pic.twitter.com/ucLsomwmdT
— Tehseen Poonawalla (@tehseenp) August 11, 2017
दुष्यंत नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा - सुनिश्चित करें कि आप 14 अगस्त की रात 11.30 बजे जंतर मंतर पर पितृ सत्ता से आज़ादी की मुहिम में शामिल हो रहे हैं।
Makesure you are joining #AzadiFromPatriarchy at Jantar Mantar on 14th Aug at 23.30 @tehseenp pic.twitter.com/UTjYzdMi1q
— dushyant (@dusht_makhi) August 11, 2017
संयज बाफना ने लिखा - आज़ादी का कोई मतलब नहीं है जब तक हम अपनी महिलाओं को उनकी पसंद तय करने पर शर्म करते रहेंगे। इस स्वतंत्रता दिवस पर पितृसत्ता से आज़ादी की प्रतिज्ञा लीजिए।
Freedom will mean nothing if we keep shaming our women for d choices they make!
— SANJAY BAFNA (@sanjaybafna) August 11, 2017
This Independence Day lets pledge for #AzadiFromPatriarchy
अनुज प्रजापति ने ट्वीट किया - आज हमें अज़ादी के नए आंदोलन की ज़रूरत है। आज़ादी इस बात से कि महिलाएं बिना किसी शर्म के अपनी मर्जी से तय कर सकें कि उन्हें क्या खाना है, क्या पहनना है और कहां जाना है।
Today we need a new aazaadi movement.
— Anuj Prajapati (@anujprajapati11) August 11, 2017
Freedom as our women wear eat drink or love who they want without being shamed #AzadiFromPatriarchy
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