“गुरुत्वाकर्षण की खोज न्यूटन ने नहीं ब्रह्मगुप्त द्वितीय ने की थी” - लोगों ने किए ये कमेंट

Anusha MishraAnusha Mishra   10 Jan 2018 3:23 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
“गुरुत्वाकर्षण  की खोज न्यूटन ने नहीं ब्रह्मगुप्त द्वितीय ने की थी” - लोगों ने किए ये कमेंटवासुदेव देवनानी

राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने हाल ही में एक बयान में कहा कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन से पूर्व ब्रह्मगुप्त द्वितीय ने दिया था। राजस्थान विश्वविद्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए देवनानी कहा कि हम सब ने पढ़ा है कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन ने दिया था, लेकिन गहराई में जाने पर पता चलेगा कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन से एक हज़ार वर्ष पूर्व ब्रह्मगुप्त द्वितीय ने दिया था।

उन्होंने कहा कि हमें अपने स्कूली पाठ्यक्रम में इस तथ्य को क्यों नहीं शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली बाद में आधुनिक वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई थी। अब सोशल मीडिया पर उनके इस बयान को लेकर लोग तरह - तरह के कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोग ऐसे हैं जो उनके इस बयान का मज़ाक बना रहे हैं तो कुछ ऐसे हैं जो उनके बयान के समर्थन में सबूत पेश कर रहे हैं।

लोकेश शर्मा ने ट्वीट किया - बेचारा न्यूटन ! वासुदेव देवनानी को पद से त्यागपत्र देकर सभी आविष्कारकों की नए सिरे से खोज करनी चाहिए, ताकि राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था को उनसे छुटकारा मिले और उनके बयान से बच्चे भ्रमित होने से बचाए जा सकें।

यह भी पढ़ें : भारत ही नहीं अमेरिका में भी चल रहा राष्ट्रगान का मुद्दा, इस तरह के ट्वीट कर रहे हैं लोग

राकेश डोंगरे ने ट्वीट किया - और एप्पल सबसे पहले बीजेपी ने खोजा था।

रविकांत नाम के ट्विटर यूज़र ने वासुदेव देवनानी के ट्वीट के समर्थन में इतिहासकार अलबरूनी की एक किताब का हवाला देते हुए ट्वीट किया। जिसमें लिखा - पृथ्वी का आकाश स्वर्ग के मध्य में है और मेरू पर्वत, देवास का घर, साथ ही नीचे वाद्वामुखा, उनके विरोधियों का घर है, दैत्य और दानव का संबंध इससे है। लेकिन उनके हिसाब से यह नीचे सिर्फ एक तरफ से है। इसको नकार कर, हम ये कहते हैं कि पृथ्वी हर तरफ से एक जैसी है, और प्रकृति के नियमानुसार, सभी भारी चीज़ें पृथ्वी की ओर गिरती हैं। इसके मुताबिक, पृथ्वी की प्रकृति आकर्षण की और चीज़ों को अपने पास रखने की है। जैसे पानी की प्रकृति बहना है, आग की प्रकृति जलना है और हवा की प्रकृति बहना है। अगर कोई चीज़ पृथ्वी से नीचे गहराई में जाना चाहती है, तो उसको कोशिश करने दीजिए। पृथ्वी अकेले सबसे नीची चीज़ है, और चीज़े हमेशा इसके पास वापस आती हैं, आप चाहें उन्हें किसी भी दिशा में फेंकें, वे कभी पृथ्वी से ऊपर नहीं उठ पाएंगी।

एलएस कृष्णन ने ट्वीट किया - उन्हें ऐसी बेवकूफी वाली बात के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए! धर्म द्वारा अंधे और ज्ञान के दिवालिया अपनी खोजों में सबसे अच्छा शुभकामनाएं!

यह भी पढ़ें : आरबीआई ज़ारी करने वाला है 10 रुपये का नया नोट, लोगों ने फोटो देखकर पूछे ऐसे सवाल

स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहे हैं झोपड़ पट्टी में रहने वाले बच्चे, देखें ‘कचरापुर’ का ये वीडियो

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.