सोशल मीडिया पर शोर मचा रहे हैं मोर-मोरनी, जानिए क्यों?
Anusha Mishra 1 Jun 2017 11:59 AM GMT
लखनऊ। बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा ने एक ऐसा बयान दिया, जिस पर सोशल मीडिया में अलग-अलग तरीके से चर्चा हो रही है, आप भी पढ़िए लोगों ने इस बयान को किस तरह लिया।
जानिए क्या था मुद्दा
राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा ने एक न्यूज चैनल से बातचीत कहा था कि, 'भगवान कृष्ण जब धरती पर आए तो उन्होंने आने से पहले वृंदावन में गाय को उतारा, गोवर्धन में गाय को उतारा...उन्हें पता था कि हमारा जो वैद्य होगा, जो डॉक्टर होगा वह गाय ही होगी। गाय के दूध से सब प्रकार की बीमारियां समाप्त होती हैं...सात्विक प्रवृत्ति बढ़ती है, धार्मिकता बढ़ती है। यह गाय के दूध के महत्व की बात है। उन्होंने कहा कि गाय मरने के बाद भी काम आती है। गाय का गोबर भी काम आता है। गाय का मूत्र भी काम आता है। गाय का दूध, हड्डियां भी काम आती हैं। तांत्रिक प्रयोग के लिए भी गाय काम में आती है।' इसलिए इसे राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए।
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क्या कहा था मोर को लेकर
अपनी इस बातचीत में उन्होंने मोर को ब्रम्हचारी भी घोषित कर दिया। उन्होंने कहा, 'हमने मोर को राष्ट्रीय पक्षी क्यों घोषित किया क्योंकि मोर आजीवन ब्रह्मचारी रहता है। मोर के जो आंसू आते हैं, मोरनी उसे चुग कर गर्भवती होती है। मोर कभी भी मोरनी के साथ सेक्स नहीं करता। मोर पंख को भगवान कृष्ण ने इसलिए लगाया क्योंकि वह ब्रह्मचारी हैं। साधु संत भी इसलिए मोर पंख का इस्तेमाल करते हैं। मंदिरों में इसलिए मोर पंख लगाया जाता है। ठीक इसी तरह गाय के अंदर भी इतने गुण हैं कि उसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए।' हम आपको बता दें कि महेश चंद्र शर्मा की कही यह बात सिर्फ एक भ्रांति है। जबकि वास्तविकता यह है कि मोरनी मोर के साथ सहवास करके ही गर्भवती होती है।
सोशल मीडिया पर इस तरह उड़ा मज़ाक
जस्टिस शर्मा पर कटाक्ष उड़ाते हुए एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया - मोरनी ने तब मोर पर हमला कर दिया जब मोर ने कहा, 'पुष्पा... आई हेट टियर्स'।
Peahen attacks peacock after he tells her, 'Pushpa, I hate tears' #RajasthanHighCourt pic.twitter.com/SXHUioeIgP
— Newspauper (@ippusultan) May 31, 2017
ट्विटर यूजर मनोज झा ने लिखा जहां आज भारत में भूख, गरीबी, रोजगार जैसे तमाम मु्द्दे हैं जिन पर बात होनी चाहिए लेकिन यहां मोर के अंतरंग व्यवहार पर बातें हो रही हैं।
नए भारत का उदय हो गया है जहां भय/भूख/मुफलिसी/रोज़गार से हटकर गाय और मोर के अंतरंग व्यवहार लोकविमर्श पर काबिज हैं।दुनियाभरमें डंका बज रहा है।
— Manoj K Jha (@manojkjhadu) June 1, 2017
इन्होंने तो भारत का सही विकास न होने पर ही चुटकी ले ली।
ट्विटर यूजर अरुण सर्राफ ने तो जस्टिस महेश चंद्र शर्मा द्वारा लिए गए फैसलों पर ही सवाल उठा दिया।
मोर के प्रजनन की थ्योरी देने वाले जज के मानसिक दिवालियापन को देखते हुए उनके दिए गए फैसलों की समीक्षा होनी चाहिए।@scsharma333 @kkshastriji
— Arun Sarraff (@ArunimPrakash) June 1, 2017
ट्विटर सागर तंवर ने गाय और मोर पर हो रही इस लड़ाई में आप के बर्खास्त विधायक कपिल शर्मा को भी खींच लिया।
गायें हो गयी, सांड हो गया, मोर मोरनी भी हो गए अब कोई इस राष्ट्रीय बेहोशी जानवर का भी सोचो,भैया। रोज कोई न कोई इस घोंचू जानवर को पीट देता😜 pic.twitter.com/237nM4vTEp
— Anahat Sagar Tanwar (@AnahatSagar) June 1, 2017
अजय मिश्रा की ये बात तो क्या वाकई सच है...
मोर अगर इंजीनियर होता तो उसे ग्लिसरीन डाल के ही रोना पड़ता ;)
— Ajay Mishra (@ChoormaBhopali) June 1, 2017
बात तो जायज है।
"मोरनी मोर के आँसू पीकर प्रेग्नेंट होती है.....!!"
— Logical Bastard (@1LogicalBastard) May 31, 2017
~ एंटायर बायोलॉजिकल साइंस वाले जज साब#RajasthanHighCourt 😆😆
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