एक महीने में 50 लाख से ज़्यादा बार डाउनलोड हुआ ‘सराहा’, नहीं जान पायेंगे मैसेज भेजने वाले का पता

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एक महीने में 50 लाख से ज़्यादा बार डाउनलोड हुआ ‘सराहा’, नहीं जान पायेंगे मैसेज भेजने वाले का पतासराहा ऐप।

लखनऊ। फेसबुक और व्हाट्स्ऐप की तरह आजकल एक नया ऐप लोगों के बीच छाया हुआ है ऐप का नाम है 'सराहा'। सऊदी अरब में बने इस ऐप को लॉन्च हुए अभी एक महीना ही हुआ है और अब तक इस ऐप को तकरीबन 50 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। इस ऐप को तीन लोगों ने मिलकर बनाया है। इस ऐप की खासियत ये है कि मैसेज पाने वाले को ये पता ही नहीं चलता कि मैसेज आया कहां से है। इसी वजह से ये लोगों के बीच ज्यादा चर्चित है।

पता नहीं चलेगा कहां से आया मैसेज

सराहा ऐप के जरिये प्रोफाइल से जुड़े किसी भी शख्स को मैसेज भेज सकते है और मैसेज पाने वाले को ये पता भी नहीं होता है कि मैसेज आया कहां से है। इसी वजह से मैसेज भेजने वाले को आप रिप्लाई भी नहीं कर पायेंगे। इसी वजह से ये ऐप लोगों के बीच पॉपुलर होता जा रहा है।

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एक अरबी शब्द है 'सराहा'

सराहा एक अरबी शब्द है सराहा का मतलब होता है 'ईमानदारी'। ख़बरों के मुताबिक, ऐप को बनाने वाले तौफीक का कहना है कि इस ऐप को बनाने का मकसद ये है कि इसके जरिये कोई भी किसी को भी अपनी राय दे सकता है।" यूजर किसी से भी वो सब कह सकता है जो वो सामने नहीं कह सकता।

30 से भी ज्यादा देशों में बना चुका है अपनी जगह

बतौर तौफीक, "मै नतीजों को लेकर पॉजटिव था और सोच रहा था कि डाउनलोड की संख्या 1000 तक पहुंचेगी, पर अब गूगल प्ले स्टोर पर ही डाउनलोड की संख्या 50 लाख के ऊपर पहुंच चुकी है। ऐप फिलहाल अरबी और इंग्लिश भाषा को ही सर्पोट करता है।"

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इसी साल फरवरी में लॉन्च हुआ था 'सराहा'

सराहा इसी साल फरवरी को एक वेबसाइट के तौर पर लॉच हुआ था। लॉन्चिंग के महीने भर के अन्दर मिश्र के इसके यूजर की संख्या 25 लाख, अरब में 12 लाख और ट्यूनीशिया में 17 लाख पहुंच गई। बाद में सराहा को ऐप के तौर पर लॉच किया गया। जून में ये एप्पल ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर आया। अमेरिका, फ्रांस, भारत समेत 30 से भी ज्यादा देशों में ये ऐप उपलब्ध है। इसके गलत इस्तेमाल पर तौफीक ने कहा, "इस ऐप में ऑनलाइन हैरेसमेंट, शोषण या बुरा बर्ताव करने से रोकने के लिये व्यवस्था है। इस ऐप में ब्लॉक या फिल्टर करने की सुविधा भी गई है।"

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