सोशल साइट्स की मदद से पकड़े जा रहे दंगाई
गाँव कनेक्शन 14 Oct 2015 5:30 AM GMT

वाराणसी। काशी की शांति में आग लगाने वाले हुडदंगियों को पकड़ने के लिए पुलिस सोशल साइट्स का सहारा ले रही है। वाराणसी पुलिस ने साधु-संतों की 'अन्नाय प्रतिकार यात्रा' के दौरान हुई आगजनी और हिंसा के उपद्रवियों के 1500 फोटो वायरल कर आरोपियों की धरपकड़ तेज कर दी है।
वाराणसी में हुए बवाल के बाद जिस सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिये असामाजिक तत्व बनारस की फिजा बिगाड़ने की कोशिश में लगे थे, पुलिस उनको उन्हीं के अंदाज में जवाब दे रही है। उपद्रवियों की तस्वीरों वाले पोस्टर को शहर भर में लगाने के बजाए वाराणसी पुलिस सोशल नेटवर्किंग साइट्स की मदद ले रही है। वाराणसी पुलिस ने सबसे पहले व्हाट्सअप पर तस्वीर साझा की, जिसके तुरंत रिजल्ट भी मिले। दो दिनों में ही पुलिस ने आधा दर्जन से ज्यादा उपद्रवी चिन्हित कर लिए। पुलिस जीप में आग लगाने वाला काशीपुरा क्षेत्र का गोलू कसेरा को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
जिले के एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया, “फ़िलहाल उपद्रवियों की तस्वीरों वाले पोस्टर शहर भर में लगाने की योजना रोक दी गई है और सोशल नेटवर्किंग साइट्स की मदद ली जा रही है। इसके अच्छे रिजल्ट मिल रहे हैं। अब तक 50 से ज्यादा आरोपी गिफ्तार हो चुके हैं। 1500 तस्वीरें तैयार की गई है।
आरोपियों की तस्वीरों को वाराणसी पुलिस के साथ एसएसपी के फेसबुक पर भी अपलोड किया गया है। वाराणसी पुलिस की ओर से नाम और फोटो सहित वाट्सअप पर जारी चार डिजिटल पोस्टर्स में कई शिवसैनिकों की तस्वीरें हैं तो कुछ अकेले-अकेले है। चिन्हित लोगों में शिवसेना का गप्पू सिंह, गणेश, दाढ़ी (रामापुरा), अजय चौबे, लक्ष्य, अंशु केसरी और राधे शर्मा सहित काशीपुरा क्षेत्र का गिरफ्तार हो चुका गोलू कसेरा शामिल है।
कैसे हुआ विवाद
गंगा में गणेश प्रतिमा विसर्जन की मांग को लेकर धरनारत संतों और आयोजक पर बीते 22 सितम्बर को पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज किया था और कोर्ट का हवाला दिया था कि गंगा में मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं है। इस लाठीचार्ज के विरोध में 5 अक्टूबर को संतो की ओर से निकाले जा रहे "अन्याय प्रतिकार यात्रा" में हिंसक झड़प में दो दर्जन पुलिस और प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे।
परंपरा टूटी, मूर्ति की जगह कलश स्थापित
हिंसा और बवाल से शहर की शांति से बचाए रखने के लिए काशी के लोगों ने इस बार परंपरा तोड़ दी है। शारदीय नवरात्र में मूर्ति स्थापना आयोजकों कलश स्थापना कर दुर्गा पूजा की शुरूआत की। हालांकि कुछ लोग इसे पुलिस का डर तो कुछ लोग इसे सांकेतिक विरोध मान रहे हैं। लेकिन दर्जन भर पूजा समितियां अपने यहां पूजा-पंडालों में दुर्गा प्रतिमा की जगह कलश स्थापना की है। इसमें मुख्य रूप से दुर्गा पूजा स्पोर्टिंग क्लब कज्जाकपुरा, आनंद स्पोर्टिंग क्लब कॉटनमिल, दुर्गापूजा स्पोर्टिंग क्लब प्रह्लादघाट, आशीर्वाद क्लब गोलघर, दुर्गापूजा समिति हरतीरथ, दुर्गोत्सव समिति टाउनहाल और प्रीमियर ब्वॉयज क्लब हथुआ मार्केट हैं।
रिपोर्टर - रोशन जायसवाल
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