डेविस कप में सिर्फ एक मैच चाहिए था लिएंडर पेस बना देते इतिहास पर भूपति ने टीम से बाहर किया

Sanjay Srivastava | Apr 07, 2017, 16:05 IST
India
बेंगलुरु (भाषा)। दिग्गज टेनिस खिलाडी लिएंडर पेस को आज 27 साल में पहली बार भारत की डेविस कप टीम से बाहर कर दिया गया क्योंकि गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति ने उज्बेकिस्तान के खिलाफ आज से शुरू होने वाले एशिया ओसियाना मुकाबले के लिए रोहन बोपन्ना को चुना है। डेविस कप इतिहास में सर्वाधिक युगल मैच जीतने का रिकार्ड बनाने के लिए पेस को केवल एक जीत की दरकार है। कहीं इसी वजह से तो पेस को टीम में नहीं चचयनन किया।

बोपन्ना दूसरे दौर के युगल मैच में श्रीराम बालाजी के साथ जोड़ी बनाएंगे और केएसएलटीए में फारुख दुस्तोव और संजार फायजीव की जोडी से भिड़ेंगे। बोपन्ना विश्व रैंकिंग में 24वें स्थान पर हैं, वह ओलंपिक पदकधारी और कई ग्रैंडस्लैम खिताब जीत चुके पेस (53वें स्थान) से 29 पायदान ऊपर हैं।

रामकुमार रामनाथन चोटिल युकी भांबरी की जगह भारत की एकल चुनौती की अगुवाई करेंगे। रामनाथन आज पहले एकल मैच में तैमूर इस्माइलोव का सामना करेंगे। चोटिल भांबरी की जगह लेने वाले प्रजनेश गुणेश्वरन की भिडंत दूसरे एकल मैच में फायजीव से होगी।रविवार को होने वाले उलट एकल में रामनाथन का सामना फायजीव से जबकि गुणेश्वरन की भिड़ंत अंतिम मैच में इस्माइलोव से होगी।

गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति व रामकुमार रामनाथन।

बोपन्ना को चुनने का फैसला सही : भूपति

गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति ने पेस के बजाय बोपन्ना को चुनने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि बेंगलुरु का यह खिलाड़ी अच्छी सर्विस कर रहा है और उसने साल की शुरुआत भी बढ़िया की है। भूपति ने कहा, ‘‘हां, जैसा कि मैंने कहा कि हालात निश्चित रूप से काफी तेज होंगे। रोहन अच्छी सर्विस कर रहा है, इस फैसले का आधार यही था।''

पेस ने 1990 में जयपुर में जापान के खिलाफ डेविस कप में पदार्पण किया था। उन्हें फार्म के आधार पर करीब तीन दशकों में पहली बार डेविस कप टीम से बाहर किया गया। पेस ने अभी तक डेविस कप में 42 युगल मुकाबले जीते हैं और वह इटली के दिग्गज निको पीटरांजेली की बराबरी पर हैं, उन्हें डेविस कप इतिहास में सर्वाधिक युगल मैच जीतने का रिकार्ड बनाने के लिए केवल एक जीत की दरकार है।


भूपति ने कहा कि एक समय उनके युगल जोड़ीदार रह चुके खिलाड़ी को बाहर रखने का फैसला काफी कठिन था। उन्होंने कहा, ‘‘यह कठिन था इसलिए यह अंतिम समय में किया गया। मैं शुरू से ही स्पष्ट था कि मैं तीन एकल खिलाडियों के विकल्प के साथ ही खेलना चाहता था क्योंकि दो खिलाड़ी डेविस कप में नहीं खेले हैं इसलिए दो युगल विशेषज्ञ खिलाड़ियों के साथ खेलना थोड़ा जोखिम भरी स्थिति होती।''

भूपति ने कहा कि टीम के अन्य खिलाड़ियों ने पेस से ज्यादा अभ्यास किया था।

मुझे लगता है कि ये लड़के रविवार से यहां हैं, हमने रोहन और बाला के साथ कई सेट खेले हैं, ये प्रत्येक दिन तीन सेट खेलते हैं, दुर्भाग्य से लिएंडर कल ही यहां आया और उसने तीन गेम खेले और यहां बारिश शुरू हो गई।
महेश भूपति गैर खिलाड़ी कप्तान

यह पूछने पर कि पेस अगर यहां शुरू में जुड़ जाते तो उन्हें मौका मिलता, तो भूपति ने कहा, ‘‘अगर मुझे रविवार और सोमवार तक पूरी टीम मिली होती तो मेरे पास फैसला करने का शायद और ज्यादा समय होता।''

पेस का सफर खत्म नहीं

भूपति से जब पूछा गया कि क्या पेस का सफर खत्म हो गया तो भूपति ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘बिलकुल नहीं। मैंने सभी को जिसमें लिएंडर भी शामिल हैं को बता दिया कि इसका मतलब यह नहीं है कि उसका सफर खत्म हो गया है, उसकी टीम में उपस्थिति ही अहम है, वह जितना अनुभव और ऊर्जा डेविस कप में लाता है, वह शानदार है।''

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